अंतरिक्ष में भी होते हैं पीरियड्स! जानें महिला एस्ट्रोनॉट्स कैसे करती हैं मैनेज, कितने पैड लेकर जाती हैं साथ?

punjabkesari.in Monday, Jun 30, 2025 - 10:31 AM (IST)

नेशनल डेस्क। पीरियड्स महिलाओं की ज़िंदगी का एक ज़रूरी हिस्सा होते हैं और इसमें होने वाली समस्या जैसे दर्द और हाइजीन की चिंता धरती पर तो आम होती है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष में महिला एस्ट्रोनॉट्स को जब पीरियड्स होते हैं तो वे इसे कैसे मैनेज करती होंगी? वे स्पेस में कितने सैनिटरी पैड्स लेकर जाती हैं और कैसे अपनी हाइजीन को मेंटेन करती हैं? जब महिलाएँ अंतरिक्ष में जाती हैं तो उनके लिए पीरियड्स मैनेज करना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। आइए जानते हैं कि स्पेस स्टेशन में महिला एस्ट्रोनॉट्स को पीरियड्स आ जाएँ तो क्या होगा और वैज्ञानिक इसका समाधान कैसे करते हैं।

 

क्या अंतरिक्ष में भी आते हैं पीरियड्स?

बहुत से लोगों को लगता है कि अंतरिक्ष में जाने के बाद महिला एस्ट्रोनॉट्स को पीरियड्स नहीं होते हैं, लेकिन यह गलत है। अंतरिक्ष के रेडिएशन का पीरियड्स पर कोई असर नहीं पड़ता है। महिला एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भी पीरियड्स होते हैं और उन्हें इसे मैनेज करना भी होता है।

 

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हालांकि, ज़्यादातर महिला एस्ट्रोनॉट्स गर्भनिरोधक गोलियों (कॉन्ट्रेसेप्टिव पिल्स) का उपयोग करती हैं ताकि उन्हें अंतरिक्ष में रहते हुए पीरियड्स न हों। इसका मुख्य उद्देश्य माइक्रोग्रैविटी में हाइजीन संबंधी जटिलताओं और असुविधाओं से बचना है। लेकिन, लंबे समय तक इन पिल्स का उपयोग स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है, जिससे महिलाओं को भविष्य में गर्भवती होने में मुश्किल हो सकती है। इस बात को खुद सुनीता विलियम्स जैसी एस्ट्रोनॉट्स ने बताया है। सुनीता विलियम्स को एक छोटे मिशन के लिए 8 दिन के लिए अंतरिक्ष में जाना था, लेकिन उन्हें 9 महीने तक रहना पड़ा, और उन्हें इस चुनौती का सामना करना पड़ा।

 

अंतरिक्ष में कितने सैनिटरी पैड्स लेकर जाती हैं महिला एस्ट्रोनॉट्स?

दुनिया की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री वेलेंतीना तेरेश्कोवा थीं, जिन्होंने 1963 में अंतरिक्ष यात्रा की थी। शुरुआत में, NASA ने अनुमान लगाया था कि एक महिला एस्ट्रोनॉट को हर हफ्ते 100 से 200 पैड्स की ज़रूरत होगी। लेकिन बाद में यह पाया गया कि इतनी ज़्यादा नैपकिन की ज़रूरत नहीं पड़ती।

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है। ऐसे में कुछ एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष में अपनी सुरक्षा के लिए अंडे (Egg) और शुक्राणु (Sperm) को प्रिजर्व करवा सकती हैं।

 

 

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अंतरिक्ष में पीरियड्स की समस्या का सामना करने के लिए और भी तरीके हैं, जैसे कम मात्रा में सैनिटरी पैड्स का उपयोग। इसके साथ ही, पीरियड्स के दौरान हाइजीन को बनाए रखने के लिए एस्ट्रोनॉट्स को खास हाइजीन किट दी जाती है, जिसमें विशेष वाइप्स और अन्य उपकरण शामिल होते हैं, ताकि स्वच्छता बनी रहे और संक्रमण का खतरा कम हो।

यह चुनौती अंतरिक्ष अन्वेषण में महिलाओं की भागीदारी के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य और आराम को सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के निरंतर प्रयासों को दर्शाती है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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