नई किडनी लगाने के बाद पुरानी किडनी का क्या करते हैं डाॅक्टर, जानिए चौंकाने वाला सच

punjabkesari.in Friday, Oct 31, 2025 - 03:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क : किडनी ट्रांसप्लांट एक जटिल लेकिन जीवनरक्षक प्रक्रिया है। जब किसी मरीज की दोनों किडनियां काम करना बंद कर देती हैं और डायलिसिस से भी राहत नहीं मिलती, तब डॉक्टर ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि जब नई किडनी शरीर में लगाई जाती है, तो पुरानी खराब किडनी का क्या होता है? आइए, जानते हैं इसका जवाब।

पुरानी किडनी को शरीर से नहीं निकाला जाता

Nyulangone Health की रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर मामलों में डॉक्टर पुरानी किडनियों को शरीर के अंदर ही छोड़ देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि खराब किडनी भले ही काम न कर रही हो, लेकिन वह शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती। इसे मेडिकल भाषा में 'Non-functional kidney' कहा जाता है। समय के साथ यह सिकुड़कर छोटी हो जाती है और शरीर में कोई दिक्कत नहीं देती।

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नई किडनी लगती है अलग जगह पर

कई लोग सोचते हैं कि पुरानी किडनी निकालकर नई उसी जगह लगाई जाती है, लेकिन ऐसा नहीं होता। डॉक्टर नई किडनी को पेट के निचले हिस्से (लोअर अब्डॉमेन) में लगाते हैं। इस जगह पर ब्लड सप्लाई और ब्लैडर से कनेक्शन करना आसान होता है। इसीलिए ट्रांसप्लांट के बाद ज्यादातर मरीजों के शरीर में तीन किडनियां होती हैं - दो पुरानी और एक नई।

कब हटाई जाती है पुरानी किडनी?

कुछ मामलों में डॉक्टर पुरानी किडनी को हटाने का निर्णय लेते हैं। ऐसा तब होता है जब —

  • किडनी में लगातार इंफेक्शन बना रहता है,
  • किडनी बहुत बड़ी हो जाती है और दर्द या सूजन का कारण बनती है,
  • या फिर उसमें कैंसर या गंभीर बीमारी पाई जाती है।

ऐसी स्थितियों में ट्रांसप्लांट से पहले या उसी के दौरान पुरानी किडनी को निकाल दिया जाता है।

नई किडनी करती है पूरा काम

भले ही पुरानी किडनी शरीर में मौजूद रहती है, लेकिन उसका कोई सक्रिय रोल नहीं होता। नई किडनी ही खून को फिल्टर करने, यूरिन बनाने और शरीर से टॉक्सिन्स निकालने का पूरा काम संभालती है।


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Content Editor

Mehak

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