Warning! इस दवा के ज्यादा सेवन से हो सकती है किडनी फेल, शरीर देने लगता है ये 5 संकेत
punjabkesari.in Wednesday, Aug 27, 2025 - 04:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आज के दौर में हेल्थ सप्लीमेंट्स का चलन बढ़ गया है, लेकिन अनियंत्रित सेवन और बिना डॉक्टरी निगरानी के इनका सेवन गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बन सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक हालिया केस स्टडी में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें 76 वर्षीय बुजुर्ग की किडनी विटामिन-डी के अत्यधिक सेवन के चलते फेल हो गई।
जानकारी के अनुसार, बुजुर्ग को डॉक्टरों ने हड्डियों की कमजोरी के लिए विटामिन-डी सप्लीमेंट लेने की सलाह दी थी। लेकिन मरीज ने निर्धारित मात्रा से कहीं ज्यादा डोज लेना शुरू कर दिया। कुछ ही हफ्तों में उसके शरीर ने नकारात्मक प्रतिक्रिया दी और किडनी फेलियर के लक्षण दिखाई देने लगे। मेडिकल साइंस में इस स्थिति को हाइपरविटामिनोसिस डी कहा जाता है, जो शरीर में विटामिन-डी की विषैली अधिकता को दर्शाता है।
क्या है विटामिन-डी टॉक्सिसिटी?
विटामिन-डी एक वसा में घुलनशील विटामिन है, जो इम्यूनिटी और हड्डियों की मजबूती के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन जब इसकी मात्रा शरीर में जरूरत से अधिक हो जाती है, तो यह विषैले प्रभाव दिखाना शुरू कर देती है। रिपोर्ट के अनुसार, यह स्थिति बार-बार पेशाब आने, कमजोरी और चक्कर जैसे लक्षणों के साथ सामने आती है।
किडनी डैमेज के संकेत:-
- बार-बार पेशाब आना
- कमजोरी और थकान
- चक्कर आना
- भूख में कमी
- वजन में अचानक गिरावट
डॉक्टरों का कहना है कि जब शरीर में टॉक्सिन्स फिल्टर नहीं हो पाते, तो ये लक्षण तेजी से सामने आते हैं। खासकर हाई बीपी जैसी पहले से मौजूद बीमारियां इस स्थिति को और गंभीर बना सकती हैं।
कैसे करें विटामिन-डी का सही सेवन?
- सुबह की धूप से प्राकृतिक रूप से विटामिन-डी प्राप्त करें।
- आहार में अंजीर, स्ट्रॉबेरी, केला और खजूर जैसे फलों को शामिल करें।
यदि सप्लीमेंट लेना आवश्यक हो, तो केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लें। बिना डॉक्टरी निगरानी के कोई भी विटामिन या सप्लीमेंट लेने से बचें, क्योंकि 'ज्यादा' हमेशा 'बेहतर' नहीं होता।