''आज पौधा लगाया तुरंत फल देना शुरू कर देता है क्या?'', महिला आरक्षण को लेकर चिदंबरम के बयान पर उपराष्ट्रपति का पलटवार
punjabkesari.in Saturday, Sep 30, 2023 - 08:11 PM (IST)

नेशनल डेस्कः उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की इस टिप्पणी के लिए उन पर निशाना साधा कि विधायिकाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण अभी वर्षों दूर है। धनखड़ ने कहा कि लोगों को अपनी अज्ञानता का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करते देखना शर्मनाक है। धनखड़ ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनके पास ‘‘केंद्रीय मंत्री और उच्च पदों पर रह चुके राज्यसभा के एक वरिष्ठ सदस्य द्वारा महिला आरक्षण कानून पर की गई टिप्पणी को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं।''
धनखड़ ने चिदंबरम का नाम लिए बिना पूर्व केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘ऐसे कानून का क्या फायदा जो कई वर्षों तक लागू नहीं किया जाएगा, निश्चित रूप से 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले नहीं?'' धनखड़ ने शुक्रवार रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट की गई चिदंबरम की टिप्पणी का हवाला दिया कि महिला आरक्षण कानून ‘‘एक भ्रम है। यह चिढ़ाने जैसा है। जैसे पानी से भरे कटोरे में चांद की परछाई दिखाई जाती है।''
Government has claimed that the Women's Reservation Bill has become 'law'
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 29, 2023
The Bill may have become law but the law will not become a reality for several years
What is the use of a law that will be not be implemented for several years, certainly not before the 2029 Lok Sabha…
उपराष्ट्रपति ने इसे ‘‘विकृत मानसिकता'' करार दिया और आश्चर्य जताया कि क्या आज लगाया गया पौधा तुरंत फल देना शुरू कर देता है या क्या किसी व्यक्ति को संस्थान में प्रवेश के तुरंत बाद डिग्री मिल जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को अपनी अज्ञानता का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करते देखना शर्मनाक है।'' उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज के युवाओं को इससे लड़ना होगा क्योंकि उनके पास सूचना तक पहुंच है।
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाला विधेयक संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में सर्वसम्मति से पारित हो गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को बृहस्पतिवार को अपनी मंजूरी दे दी। अब, इसे आधिकारिक तौर पर संविधान (106वां संशोधन) अधिनियम के रूप में जाना जाएगा। इसके प्रावधान के अनुसार, ‘‘यह उस तारीख से लागू होगा जो केंद्र सरकार आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा निर्धारित करेगी।'' हाल में संसद के एक विशेष सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस कानून को ‘‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम'' कहा था।