विटामिन डी के लिए सर्दियों में कितनी देर धूप में बैठना चाहिए? जानें सही तरीका और समय

punjabkesari.in Wednesday, Nov 26, 2025 - 08:57 PM (IST)

 नेशनल डेस्क : आज के समय में अनियमित खानपान और बदलती जीवनशैली के कारण शरीर में कई प्रकार के पोषक तत्वों (न्यूट्रिएंट्स) की कमी देखने को मिल रही है। इनमें सबसे आम समस्या विटामिन डी की कमी है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर उम्र के लोगों में यह डेफिशियेंसी तेजी से बढ़ती जा रही है, जिसका सीधा असर सेहत पर पड़ता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर में विटामिन डी की कमी से हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द, थकान, कमजोरी, बाल झड़ना, मूड स्विंग्स और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं बच्चों में यह समस्या रिकेट्स जैसी बीमारी का कारण बन सकती है।

विटामिन डी की कमी को पूरा करने के उपाय
शरीर में विटामिन डी का स्तर संतुलित बनाए रखने के लिए डाइट में ऐसे फूड्स शामिल करना जरूरी है जो इस विटामिन से भरपूर हों। दूध, दही, मशरूम, पालक, भिंडी, ब्रोकली और शकरकंद जैसी चीजें इसके अच्छे स्रोत हैं। इसके अलावा सूरज की रोशनी (सन लाइट) भी विटामिन डी का प्रमुख स्रोत मानी जाती है, क्योंकि सूर्य की किरणें त्वचा में विटामिन डी के उत्पादन में मदद करती हैं।

धूप में बैठने का सही समय
आयुर्वेद विशेषज्ञ किरण गुप्ता के अनुसार, सुबह 7 से 8 बजे के बीच की धूप विटामिन डी के लिए सबसे लाभदायक होती है। हालांकि, सर्दियों के मौसम या कोहरे के दिनों में अगर इस समय सूरज दिखाई न दे, तो 10 बजे तक धूप सेकना फायदेमंद है। इसके विपरीत, दोपहर 12 से 3 बजे तक की धूप बहुत तेज होती है और उसमें मौजूद यूवी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शाम 4 बजे की हल्की धूप में बैठना भी लाभकारी माना जाता है क्योंकि इस समय सूरज की किरणें नरम होती हैं।

कितनी देर धूप में बैठें
सुबह 9 से 11 बजे के बीच की हल्की धूप सबसे उपयुक्त मानी जाती है। प्रतिदिन 15 से 30 मिनट तक धूप में बैठना पर्याप्त होता है। ज्यादा देर तक धूप में रहने से स्किन टैनिंग या ड्राइनेस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सर्द हवाओं से बचने के लिए सिर, कान और पैर को ढककर रखें। अगर लंबे समय तक धूप में बैठना हो तो सनस्क्रीन का उपयोग भी किया जा सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर व्यक्ति रोजाना थोड़ी देर धूप में बैठता है, तो इससे भोजन में मौजूद विटामिन डी और अन्य न्यूट्रिएंट्स का अवशोषण (absorption) भी बेहतर होता है।


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Content Editor

Shubham Anand

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