दिल्ली में नहीं थम रही हिंसा, दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश

punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2020 - 09:30 PM (IST)

नई दिल्लीः उत्तर पूर्वी दिल्ली में हो रही हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए हैं। गृह मंत्रालय ने आईपीएस अधिकारी एस. एन. श्रीवास्तव को सीआरपीएफ से वापस बुलाया गया और उन्हें स्पेशल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) नियुक्त किया गया है। मंगलवार शाम को उत्तर पूर्व दिल्ली के चांदबाग इलाके में हिंसा के दौरान दंगाइयों ने दुकानों में आग लगा दी और पथराव किया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे लेकिन यह प्रयास व्यर्थ रहा। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। दंगाइयों ने बेकरी की एक दुकान और फलों के कई ठेलों को फूंक दिया। पुलिस के अनुसार उत्तरपूर्व दिल्ली में हिंसा में कम से कम दस लोगों की जान चली जाने की खबर है।
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बता दें कि दिल्ली के विभिन्न हिस्सों विशेष उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले 48 घंटों के दौरान हिंसक घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई है और 186 लोग घायल हो गए। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एम एस रंधावा ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की समेत 10 लोगों की मौत हुई है। शाहदरा के उपायुक्त अमित शर्मा घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि घायलों में 56 पुलिस कर्मी और 130 नागरिक हैं।
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इससे पहले नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) का विरोध और समर्थन कर रहे लोगों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने कहा कि हिंसा करने वाले उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से लगातार शांति बनाए जाने की अपील की जा रही है। जहां-जहां पर किसी भी प्रकार की कमी है, उसे दूर कर हालात पर नियंत्रण किया जा रहा है। उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कारर्वाई की जाएगी।
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दिल्ली पुलिस पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी मनदीप सिंह रंधावा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हालात पर काबू पाने का दावा किया जबकि आज शाम मौजपुर और चांदबाग में फिर उपद्रवियों ने आगजनी की। रंधावा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि हालात काबू में है। वरिष्ठ अधिकारी हिंसाग्रस्त इलाके में मौजूद हैं। प्रभावित इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि तंग गलियों की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
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उन्होंने कहा कि अब तक हिंसा में 10 लोगों की मौत हो गई है। हिंसा में 56 जवान घायल हुए हैं और इसके अलावा दो भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी और 130 आम नागरिक घायल हुए हैं। इस सिलसिले में अभी तक 11 मामले दर्ज किए गए हैं। श्री रंधावा ने कहा कि पुलिस बल की कमी नहीं है और किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई है। सीसीटीवी फुटेज के जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। इसके अलावा ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। 


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Yaspal

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