VHP बोली- तेजी से बढ़ रही मुस्लिमों की आबादी, नियंत्रण के लिए कानून जरूरी

punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2020 - 06:19 AM (IST)

प्रयागराज: विश्व हिंदू परिषद के विराट संत सम्मेलन में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), धर्मांतरण और जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा छाया रहा और प्रमुख साधु संतों ने इन मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में अमरकंटक के महामंडलेश्वर हरिहरानंद सरस्वती ने कहा, “एक बार हमारा देश धर्म के आधार पर बंट चुका है। जिन्ना ने जो परिस्थिति उस समय हमारे देश में पैदा की थी, वहीं स्थिति आज फिर पैदा करने की कोशिश की जा रही है।” उन्होंने कहा, “पहले सड़कों पर आगजनी की गई और अब इमोशनल ब्लैकमेल किया जा रहा है और महिलाओं को सड़कों पर छोड़ दिया गया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों को पीछे से बहुत सा पैसा भेजा जा रहा है।” 

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सम्मेलन के दौरान वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं की आबादी घट रही है, सरकार ने हम दो, हमारे दो का नारा दिया, तो हिंदुओं ने हम दो, हमारे एक को फॉलो किया, जबकि मुसलमानों में 4 और 40 हो गए। आलोक कुमार ने कहा कि हमारे टैक्स के पैसे का इस्तेमाल ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले धार्मिक समुदाय के सब्सिडी में जा रहा है। नए बच्चों के जन्मदर में 52 फीसदी से ज्यादा बच्चे मुसलमान के हैं, इसलिए खतरा बढ़ रहा है। विहिप के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि राम जन्मभूमि के विषय में जिन पूज्य संतों ने 1984 से इस आंदोलन का नेतृत्व किया, उन्हीं के मार्गदर्शन में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।

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सम्मेलन में मध्वाचार्य स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा, “केंद्र सरकार हाल ही में जो कानून लेकर आई है, वह हमारे संरक्षण के लिए है और इसका समर्थन करना हमारा कर्तव्य है।” अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, “जातिसूचक टिप्पणी से आहत होकर लोग धर्मांतरित होते हैं। इसलिए हमें हिंदुओं की विभिन्न जातियों को एक सूत्र में बांधने की जरूरत है।” रामानुजाचार्य वासुदेवाचार्य ने कहा, “सीएए का विरोध केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि पूरे भारत को इस्लामिक देश बनाने का जो षड़यंत्र चल रहा था, वह ध्वस्त हो रहा है।” उन्होंने कहा,“भाजपा को छोड़कर सारे राजनीतिक दल इस समय राजनैतिक बेरोजगारी के शिकार हो गए हैं। इसलिए ये सीएए का विरोध कर रहे हैं।” 
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shukdev

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