Tomato Prices Hike: सब्जियां महंगी होने से बिगड़ा रसोई का बजट, कुछ ही दिनों में टमाटर हुआ इतना महंगा

punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 10:31 AM (IST)

नेशनल डेस्क। बाजार में सब्जियों की कीमतें एक बार फिर आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही हैं। पिछले कुछ दिनों में सब्जियों के दाम अचानक बढ़ गए हैं जिसका सबसे बड़ा उदाहरण टमाटर है। जो टमाटर कुछ ही दिन पहले ₹30 प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा था अब उसकी कीमत ₹60 से ₹70 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। कीमतों में इस उछाल का सीधा असर लोगों की थाली और मासिक बजट पर दिख रहा है। उपभोक्ता अब अपनी खरीदारी की मात्रा घटाने को मजबूर हैं। जो परिवार पहले 1 किलो टमाटर खरीदता था अब आधे किलो में ही काम चला रहा है।

PunjabKesari

 

सरकारी आंकड़ों में बड़ी बढ़ोतरी

सरकारी डेटा के अनुसार पिछले एक महीने के भीतर देश के अलग-अलग राज्यों में टमाटर के खुदरा (Retail) दाम में 25% से 100% तक की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। थोक बाजार (Wholesale) में भी दाम बढ़े हैं:

  • महाराष्ट्र (मुख्य सप्लायर): थोक दाम में 45% की बढ़ोतरी।

  • दिल्ली (उत्तर भारत का वितरण हब): थोक दाम में 26% की बढ़ोतरी।

 

यह भी पढ़ें: Gold Silver Rate: सोने-चांदी के ताजा रेट जारी, ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर, जल्दी जानें अपने शहर का लेटेस्ट रेट

 

सप्लाई में आई भारी कमी, बदला ट्रेंड

यह बढ़ोतरी उस स्थिति के बिल्कुल उलट है जो कुछ समय पहले तक बनी हुई थी। अक्टूबर का महीना सब्जियों के लिए काफी राहत भरा था।

सब्जी अक्टूबर में महंगाई दर (प्रतिशत)
टमाटर -42.9% (नकारात्मक)
प्याज -54.3% (नकारात्मक)
आलू -36.6% (नकारात्मक)

लेकिन अब यह ट्रेंड पूरी तरह से बदल गया है और इसके पीछे की मुख्य वजह सप्लाई (आपूर्ति) में आई कमी है। पिछले हफ्ते कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों से आजादपुर मंडी (दिल्ली) में ट्रकों की आवक आधे से भी ज़्यादा कम हो गई है।

PunjabKesari

 

बेमौसम बारिश ने बर्बाद की फसलें

बाजार में सप्लाई घटने का सबसे बड़ा कारण बेमौसम बारिश को माना जा रहा है।

  • भारी बारिश के कारण टमाटर और अन्य सब्जियों की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचा है।

  • फसल खराब होने के कारण बाजार तक सब्जियों की आपूर्ति बाधित हो गई है।

  • जब बाजार में माल कम पहुंचता है तो मांग और आपूर्ति का संतुलन बिगड़ जाता है जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं।

वर्तमान में किसानों से लेकर उपभोक्ताओं तक सभी इस महंगाई की मार झेल रहे हैं। कीमतों पर नियंत्रण पाना और सप्लाई चेन को दुरुस्त करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Rohini Oberoi

Related News