बॉडी बिल्डर वरिंदर घुम्मण की मौत... 40 साल की उम्र में बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, जानें एक्सपर्ट की राय
punjabkesari.in Friday, Oct 10, 2025 - 02:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 42 साल की उम्र, जहां ज़िंदगी का जोश अपने चरम पर होता है, वहीं भारत के मशहूर बॉडी बिल्डर वरिंदर सिंह घुम्मण ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. ‘द हीमैन ऑफ इंडिया’ के नाम से पहचाने जाने वाले वरिंदर 2009 के मिस्टर इंडिया थे, जो पंजाब के जालंधर में रहते थे। प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर होने के साथ वे एक्टर और डेयरी फार्मर भी थे।
शुद्ध शाकाहारी और फिटनेस फ्रिक होने के बावजूद इतनी कम उम्र में उनका निधन हर किसी के लिए हैरान करने वाला है। इस घटना ने उस भ्रम को तोड़ दिया है कि बॉडी बिल्डिंग या फिटनेस रूटीन हार्ट डिज़ीज़ से पूरी तरह बचा सकता है।
क्यों बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा
एनसीबीआई की रिपोर्ट बताती है कि अगर शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) का स्तर बढ़ जाए, तो नसों में ब्लड फ्लो प्रभावित होने लगता है। इससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जयपुर की क्लीनिकल डायटिशियन सुरभि पारीक कहती हैं कि फिटनेस फ्रिक लोग अक्सर अपनी डाइट और एक्सरसाइज को एज के हिसाब से एडजस्ट नहीं करते। “उम्र बढ़ने के साथ शरीर की ज़रूरतें बदलती हैं। अगर हम उसी तीव्रता से वर्कआउट करते रहें, तो दिल और किडनी दोनों पर दबाव पड़ता है।”
हार्ट अटैक के पीछे क्या हैं छिपे कारण?
उम्र बढ़ने के साथ हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हाई बीपी जैसी बीमारियों का रिस्क स्वाभाविक रूप से बढ़ता है।
लाइफस्टाइल, तनाव, फास्ट फूड और अनियमित नींद दिल की सेहत बिगाड़ते हैं।
एलडीएल (बैड कोलेस्ट्रॉल) का लेवल बढ़ने से नसें सिकुड़ जाती हैं और ब्लड फ्लो बाधित हो जाता है।
सीने में दर्द, सांस फूलना, घबराहट, या कंधे और पीठ में दर्द- ये सभी हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत हैं।
उम्र के हिसाब से करें एक्सरसाइज और डाइट प्लान
सुरभि पारीक का कहना है कि ओवर एक्सरसाइज करना 40 की उम्र के बाद शरीर पर भारी पड़ सकता है। “कई लोग अचानक फिटनेस की ओर झुक जाते हैं और अत्यधिक प्रोटीन या सप्लिमेंट्स लेना शुरू कर देते हैं. इससे शरीर का बैलेंस बिगड़ जाता है।”
- बैलेंस्ड डाइट लें, जिसमें सब्जियां, मिलेट्स और दालें शामिल हों।
- तेल, चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन सीमित करें।
- हाइड्रेशन और नींद पर उतना ही ध्यान दें जितना वर्कआउट पर।
योग: दिल के लिए प्राकृतिक इलाज
40 की उम्र के बाद बढ़ते मेंटल प्रेशर से भी दिल पर असर पड़ता है. सुरभि पारीक मानती हैं कि योग इस स्थिति का रामबाण इलाज है। “योग से फेफड़े मज़बूत होते हैं, स्ट्रेस कम होता है और दिल को ऑक्सीजन की सप्लाई बेहतर मिलती है।”
उनके अनुसार, नियमित योग, ध्यान और प्राणायाम से न सिर्फ दिल की सेहत सुधरती है, बल्कि मानसिक संतुलन भी बना रहता है। नींद पूरी करना भी उतना ही ज़रूरी है; क्योंकि ओवर एक्सरसाइज और कम नींद का संयोजन दिल पर भारी पड़ सकता है।