Vande Bharat Sleeper: अभी करना होगा और इंतजार, इस महीने से दौड़ेगी देश की हाई-स्पीड स्लीपर ट्रेन!
punjabkesari.in Monday, Nov 03, 2025 - 04:48 PM (IST)
नेशनल डेस्क : भारतीय रेलवे की वंदे भारत ट्रेनें स्पीड और सुविधा का नया मानक बन चुकी हैं, जिन्होंने देश भर में यात्रा को क्रांतिकारी बदलाव दिया है। रेल मंत्रालय की ओर से कुछ महीने पहले घोषित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का इंतजार पूरे देश के यात्रियों को बेचैन कर रहा है। लंबी दूरी की रात्रिकालीन यात्रा को आरामदायक बनाने वाली यह ट्रेन अक्टूबर 2025 में लॉन्च होने वाली थी, लेकिन तकनीकी और डिजाइन संबंधी कमियों के कारण इसमें देरी हो गई है। अब सवाल उठ रहा है – यह खास ट्रेन कब यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी?
तकनीकी खामियों से पटरी पर नहीं उतर सकी ट्रेन
रेलवे बोर्ड ने हाल ही में जारी पत्र में स्पष्ट किया है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में पाई गई कुछ महत्वपूर्ण कमियां तत्काल सुधार की मांग करती हैं। इनमें फर्निशिंग और निर्माण गुणवत्ता से जुड़ी दिक्कतें प्रमुख हैं, जैसे बर्थ के नुकीले कोने जो यात्रियों को चोट पहुंचा सकते हैं, खिड़की के पर्दों के असुविधाजनक हैंडल और बर्थ कनेक्टरों में धूल जमा होने वाली जगहें। बोर्ड ने जोर देकर कहा कि जब तक ये सभी खामियां पूरी तरह दूर न हो जाएं, ट्रेन को व्यावसायिक संचालन की अनुमति नहीं मिलेगी।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। थोड़ी देरी से बेहतर है कि हर पहलू पर सख्ती बरती जाए।" विशेषज्ञों का मानना है कि ये सुधार ट्रेन को और भी विश्वसनीय बनाएंगे।
सुरक्षा मानकों पर कोई समझौता नहीं
वंदे भारत स्लीपर को देश की सबसे सुरक्षित ट्रेन बनाने के लिए रेलवे सख्त कदम उठा रहा है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि बिना आवश्यक सुरक्षा मानकों के कोई ट्रेन पटरी पर नहीं उतरेगी। ट्रेन में कवच 4.0 एंटी-कोलिजन सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा, आग से बचाव के सभी प्रोटोकॉल का पालन होगा और ब्रेकिंग सिस्टम की नियमित जांच सुनिश्चित की जाएगी। चालक, गार्ड और स्टेशन मास्टर के बीच उन्नत संचार व्यवस्था होगी।
यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन का आंतरिक तापमान नियंत्रित रहेगा, ताकि दरवाजे बार-बार खुलने पर भी वातावरण आरामदायक बना रहे। आपात स्थिति में हर रूट पर प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ तैनात रहेगा, जो ट्रेन के डिब्बों को मात्र 15 मिनट में अलग कर सकेगा।
RDSO रिपोर्ट सौंपी गई, CCRS की मंजूरी का इंतजार
ट्रेन को हरी झंडी देने की दिशा में बड़ी प्रगति हुई है। रिसर्च डिजाइन्स एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) ने 1 सितंबर 2025 को अपनी सेफ्टी ट्रायल रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है। अब मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CCRS) की अंतिम मंजूरी का इंतजार है। जैसे ही तकनीकी और डिजाइन संबंधी सभी कमियां दूर हो जाएंगी और CCRS से अनुमति मिलेगी, ट्रेन संचालन शुरू हो जाएगा।
मंत्रालय ने कोई निश्चित तारीख घोषित नहीं की है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिसंबर 2025 की शुरुआत में यह हाई-स्पीड स्लीपर ट्रेन पटरी पर उतर सकती है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि परीक्षण पूरा होने के बाद जल्द लॉन्च होगा।
रूट अभी अनिश्चित, लेकिन रखरखाव की तैयारी शुरू
ट्रेन का संचालन रूट अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन रेलवे ने सभी जोनों को रखरखाव और निरीक्षण की तैयारी शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। संभावित रूटों में दिल्ली-अहमदाबाद, दिल्ली-भोपाल या दिल्ली-पटना शामिल हो सकते हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेन रवानगी से पहले PA सिस्टम पर गैर-यात्रियों को उतरने की घोषणा होगी और यात्रा के दौरान हिंदी, अंग्रेजी व स्थानीय भाषा में सुरक्षा संदेश प्रसारित होंगे।
180 किमी/घंटा की अधिकतम रफ्तार वाली यह इलेक्ट्रिक ट्रेन लंबी दूरी की यात्रा को प्रीमियम बनाएगी। फर्स्ट क्लास केबिन का इंटीरियर फाइव-स्टार होटल जैसा होगा, जिसमें रीडिंग लाइट, चार्जिंग पॉइंट और आरामदायक बर्थ दिए जाएंगे। कुल 16 कोच वाली यह ट्रेन 1,100 से अधिक यात्रियों को समायोजित करेगी, जिसमें AC 3-टियर, AC 2-टियर और AC फर्स्ट क्लास शामिल होंगे।
