25 सालों से कब्जे पर बुलडोजर चला, बिना नोटिस मकान कैसे गिरा? BJP विधायक ने उठाए गंभीर सवाल
punjabkesari.in Sunday, Jul 13, 2025 - 10:58 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बबेरू क्षेत्र में प्रशासन ने सरकारी जमीन पर लंबे समय से हो रहे अवैध कब्जे को हटाने के लिए बड़ी कार्रवाई की। भारी पुलिस बल और बुलडोजर की मदद से कई मकानों को गिराकर जमीन को कब्जामुक्त कराया गया। यह जमीन सहकारी समिति की थी और करीब 25 सालों से कई परिवार वहां रह रहे थे। प्रशासन का कहना है कि पहले इन परिवारों को नोटिस भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने उसे नहीं माना।
मकान गिराने पर हुआ विवाद, BJP विधायक बोले
इस कार्रवाई के दौरान बीजेपी के एक कार्यकर्ता का मकान भी गिरा दिया गया। बांदा के बीजेपी विधायक प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि उन्होंने DM और SDM से बात की थी और उन्हें आश्वासन मिला था कि मकान नहीं गिराया जाएगा, लेकिन फिर भी मकान गिरा दिया गया। विधायक ने SDM पर भी आरोप लगाया कि वे एक पूर्व सहकारी समिति अध्यक्ष सुनील पटेल के दबाव में काम कर रहे हैं।
स्थानीय लोग प्रशासन की इस कार्रवाई से नाराज हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया और अचानक मकान गिरा दिए गए। एक महिला ने बताया कि पुलिस आई और सभी को बाहर निकाल दिया, सामान बिखर गया। अगर पहले नोटिस मिल जाता तो वे अपना सामान निकाल सकते थे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उनसे ‘आधा पैसा दो’ की मांग की थी, जो मना करने पर मकान गिरा दिया गया।
विधायक का बयान – पूर्व अध्यक्ष के दबाव में SDM की भूमिका
विधायक प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष सुनील पटेल ने अपने परिवार के नाम दुकानों पर कब्जा कर रखा था। जब पास में रहने वाले पांडे परिवार ने कंस्ट्रक्शन का प्लान बनाया तो पटेल ने उनसे दो दुकानें देने को कहा, जिसे मना करने पर पटेल ने अपनी ताकत का इस्तेमाल किया। विधायक ने SDM पर भी आरोप लगाया कि वे इस मामले में पटेल के एजेंट बनकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।
प्रशासन का पक्ष – कब्जा वर्षों पुराना था, कई बार चेतावनी दी गई
प्रशासन का कहना है कि ये परिवार सरकारी जमीन पर कई सालों से कब्जा किए हुए थे और हर साल नए मकान बना रहे थे। अपर सहकारी समिति अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि इन लोगों को कई बार चेतावनी दी गई लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद प्रशासन ने बुलडोजर की मदद से मकानों को गिराकर जमीन खाली कराई।
यह मामला कोर्ट में भी लंबित था, लेकिन प्रशासन ने कब्जा हटाने की कार्रवाई को अंजाम दिया। इस कार्रवाई से करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन कब्जामुक्त हो गई है।