2 साल बाद मिली 25 साल की कैद, 13 वर्षीय भतीजी से दरिंदगी करने वाले चाचा को कोर्ट की कड़ी सजा
punjabkesari.in Sunday, Jul 06, 2025 - 05:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क : हिमाचल प्रदेश के ऊना में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाले एक रेप केस में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। यहां 13 साल की भतीजी से बलात्कार के आरोप में एक व्यक्ति को 25 साल कैद की सजा सुनाई गई है। अदालत ने आरोपी को पीड़िता को धमकाने के लिए एक साल की अतिरिक्त सजा और 55 हजार रुपये का जुर्माना भी सजा के रुप में लगाया है। जुर्माना न देने पर एक महीने की अतिरिक्त कैद का प्रावधान भी किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, यह घटना नवंबर 2023 की है। ऊना जिले की रहने वाली 13 वर्षीय बच्ची की मां का निधन हो गया था। इसके बाद वह अपने पिता और चाचा के साथ रह रही थी। बच्ची के पिता हलवाई का काम करते हैं और अक्सर व्यस्त रहते हैं। बच्ची का चाचा केवल कृष्ण (43), जो पेशे से प्लंबर है, ने इसी बात का फायदा उठाया। आरोपी चाचा ने घर में अकेली बच्ची को कई बार अपनी हवस का शिकार बनाया। इतना ही नहीं, उसने बच्ची को इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
दर्द असहनीय हुआ तो चाची को बताई आपबीती
पीड़ित बच्ची काफी समय तक इस जुल्म को सहती रही, लेकिन जब दर्द असहनीय हो गया, तो उसने अपने पड़ोस में रहने वाली चाची को अपनी आपबीती सुनाई। चाची तुरंत बच्ची को लेकर महिला थाने पहुंचीं।
वहां उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी चाचा केवल कृष्ण के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
दो साल चली सुनवाई, मिले पुख्ता सबूत
अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह मामला अदालत में करीब दो साल तक चला। इस दौरान पुलिस ने कई सबूत और गवाह पेश किए, जिनके आधार पर अदालत ने आरोपी केवल कृष्ण को अपनी भतीजी के साथ बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया। इसके बाद, अदालत ने सजा का ऐलान किया।
अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को 25 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई, जबकि ऐसे मामलों में अधिकतम सजा आमतौर पर 20 साल तक होती है। इसके अलावा, धमकाने के लिए एक साल की अतिरिक्त सजा और 55 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
रेप के मामलों में सज़ा की दर अब भी कम
यह गौरतलब है कि निर्भया कांड के बाद रेप जैसे मामलों के लिए कानून में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए थे, लेकिन इसके बावजूद देश में रेप के मामलों में सजा की दर अब भी काफी कम है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, उस साल तक 3 लाख 58 हजार 749 रेप के मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन इनमें से केवल 5 अपराधियों को ही फांसी की सजा मिली थी। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि सख्त सजा के प्रावधान होने के बावजूद अपराधियों में कानून का डर अभी भी पूरी तरह से नहीं देखा जा रहा है।