Phone Pe, Google pay बड़ी खबर: लेनदेन शुल्क लगा, तो यूजर नहीं करेंगे UPI का इस्तेमाल....फिर से शुरू कर देंगे कैश का इस्तेमाल
punjabkesari.in Monday, Sep 23, 2024 - 11:38 AM (IST)
नेशनल डेस्क: अगर आप भी Phone Pe, Google pay यानि UPI का इस्तेमाल करते है तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। दरअसल हाल ही में किए गए एक सर्वे में पता चला है कि यदि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर ट्रांजैक्शन फीस लगाई जाती है, तो 75% उपयोगकर्ता इसके माध्यम से लेन-देन बंद कर देंगे। इस सर्वेक्षण के अनुसार, अधिकांश यूजर्स फ्री लेन-देन के आदी हो चुके हैं और फीस के लागू होने से उनका अनुभव प्रभावित होगा।
सर्वे में शामिल लोगों का मानना है कि UPI एक सुविधाजनक और किफायती भुगतान माध्यम है, और फीस लागू होने पर वे अन्य विकल्पों की तलाश करने को मजबूर हो सकते हैं। इससे न केवल UPI के उपयोग में कमी आएगी, बल्कि डिजिटल भुगतान के विकास पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
विश्लेषकों का मानना है कि UPI का विकास और उसकी लोकप्रियता फ्री ट्रांजैक्शन की वजह से ही है। अगर फीस लगाई जाती है, तो यह न केवल उपभोक्ताओं के लिए, बल्कि छोटे व्यवसायों के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सर्वे के अनुसार, 38% यूजर्स अपने 50% भुगतान लेन-देन यूपीआई के माध्यम से करते हैं, जबकि केवल 22% यूजर्स लेनदेन शुल्क उठाने के लिए तैयार हैं।
इस सर्वेक्षण में 308 जिलों से 42,000 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं, और प्रत्येक प्रश्न पर उत्तरों की संख्या भिन्न थी। UPI पर लेनदेन शुल्क से संबंधित प्रश्न पर 15,598 प्रतिक्रियाएं मिलीं।
UPI ट्रांजेक्शन वॉल्यूम में उछाल
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने 2023-24 में यूपीआई लेनदेन की मात्रा में 57% और मूल्य में 44% की वृद्धि दर्ज की है। इस वित्त वर्ष में पहली बार यूपीआई लेनदेन 100 अरब का आंकड़ा पार कर गया, जो 131 अरब रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 84 अरब था। मूल्य के संदर्भ में, यह 1,39,100 अरब रुपये से बढ़कर 1,99,890 अरब रुपये पर पहुंच गया है।
UPI पर निर्भरता
सर्वे में यह भी बताया गया है कि 37% उत्तरदाताओं ने अपने कुल भुगतान का 50% से अधिक यूपीआई के माध्यम से किया। सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीआई तेजी से 10 में से चार उपभोक्ताओं के लिए भुगतान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा है।
लोकलसर्किल्स इन निष्कर्षों को वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ साझा करेगा, ताकि यूपीआई उपयोगकर्ताओं की चिंताओं को ध्यान में रखा जा सके। यह सर्वे 15 जुलाई से 20 सितंबर के बीच ऑनलाइन आयोजित किया गया था।