ईरान में स्टारलिंक पर कड़ा प्रतिबंध, इस्तेमाल करने वालों को कोड़े, जेल और जुर्माने की सज़ा
punjabkesari.in Monday, Jun 30, 2025 - 07:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भले ही ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष थमा हो, लेकिन ईरान की सरकार की चिंता अब भी बरकरार है। शिया मुस्लिम बहुल देश ईरान ने अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा स्टारलिंक पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। अब अगर कोई नागरिक देश में इस सेवा का उपयोग करता पाया गया, तो उसे कड़ी सजा भुगतनी पड़ सकती है- कोड़े मारने से लेकर जेल और भारी जुर्माने तक का प्रावधान किया गया है।
संसद में कानून पास, जासूसी का डर बढ़ा
ईरान की संसद ने हाल ही में एक प्रस्ताव पास किया है जिसके तहत स्टारलिंक के इस्तेमाल को गैरकानूनी घोषित किया गया है। माना जा रहा है कि यह फैसला अमेरिका और इज़राइल की सैन्य कार्रवाइयों के बाद लिया गया है। ईरान को आशंका है कि इस तरह की सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं विदेशी जासूसी और डिजिटल निगरानी में मदद कर सकती हैं, खासकर जब देश में इंटरनेट ब्लैकआउट की स्थिति हो।
क्यों डर रहा है ईरान?
दरअसल, जब हाल ही में इज़राइल ने ईरान पर हवाई हमला किया था, तो तेहरान ने देशभर में इंटरनेट बंद कर दिया था। लेकिन ठीक उसके अगले दिन एलन मस्क ने X (पूर्व ट्विटर) पर "Beam is active" यानी ‘बीम चालू है’ पोस्ट किया। इसका सीधा मतलब यह था कि स्टारलिंक इंटरनेट सेवा ब्लैकआउट के बावजूद ईरान में काम कर रही थी, जिससे सरकार की चिंता और बढ़ गई।
नया कानून: सख्त सज़ा का प्रावधान
ईरान की संसद द्वारा पारित नए साइबर कानून के तहत:
- स्टारलिंक का प्रयोग करने वालों को आपराधिक श्रेणी में रखा जाएगा।
- अमेरिका या इज़राइल के लिए जासूसी करने पर मौत की सजा का भी प्रावधान है।
- साइबर हमले, ड्रोन से हमले, खुफिया एजेंसियों से धन लेना, या संवेदनशील जगहों की जानकारी साझा करना भी इस कानून के दायरे में आएगा।
सैटेलाइट इंटरनेट: अब आधुनिक युद्ध का हथियार
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला दिखाता है कि अब सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं केवल तकनीकी सुविधा नहीं, बल्कि युद्ध और जासूसी के उपकरण बनते जा रहे हैं। ईरान को डर है कि स्टारलिंक जैसी सेवाएं पश्चिमी देशों को देश के अंदर निगरानी और डेटा एकत्र करने में मदद कर सकती हैं।
700 से ज्यादा लोग हिरासत में
सरकारी मीडिया के अनुसार, ईरान ने हाल ही में अमेरिका और इज़राइल के लिए जासूसी के आरोप में 700 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें से कम से कम 6 लोगों को फांसी दी जा चुकी है। गिरफ्तार लोगों में तीन कुर्द नागरिक भी शामिल हैं जिन पर इज़राइली खुफिया एजेंसी मोसाद को जानकारी देने का आरोप है। इसके अलावा 53 लोगों को संवेदनशील जगहों के वीडियो बनाने के आरोप में पकड़ा गया है।