एक बार फिर Google Map ने दिखाया मौत का रास्ता, पुल पार करते कार में मच गई चीख-पुकार
punjabkesari.in Saturday, Jul 05, 2025 - 09:23 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हिमाचल के सोलन जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक परिवार को गूगल मैप पर भरोसा करना भारी पड़ गया। बेटी को परीक्षा दिलाने ऊना जा रहे नालागढ़ निवासी परिवार की कार रास्ते में टूटे हुए पुल पर पहुंच गई, जो दो साल पहले ही भारी बारिश में ध्वस्त हो चुका था। जैसे ही कार तेज बहाव वाली नदी में पहुंची, वह पानी में फंसकर कई किलोमीटर तक बहती चली गई। गनीमत रही कि स्थानीय लोगों की तत्परता से समय रहते सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
घटना कैसे हुई?
नालागढ़ की एक छात्रा को ऊना में एक अहम परीक्षा में शामिल होना था। परिजनों ने भरतगढ़–कीरतपुर होते हुए ऊना पहुंचने की योजना बनाई, लेकिन गूगल मैप ने उन्हें दभोटा पुल के रास्ते भेज दिया – जो कि 2023 की बाढ़ में पूरी तरह टूट चुका है। बिना किसी चेतावनी या साइनबोर्ड के, कार सीधे ध्वस्त पुल की ओर बढ़ गई और नदी की तेज धार में बह गई। इस दौरान कार में कुल चार लोग सवार थे, जिनकी जान मुश्किल में पड़ गई थी। कार के बहते ही चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। लेकिन आसपास मौजूद ग्रामीणों ने बहादुरी दिखाते हुए जान जोखिम में डालकर सभी की जान बचाई।
टूटा पुल, गूगल पर ‘सही रास्ता’!
घटना के बाद स्थानीय पंचायत प्रधान और लोगों में गहरा आक्रोश है। दभोटा पंचायत के प्रधान ने बताया कि गूगल मैप अब भी इस ध्वस्त पुल को वैध मार्ग के रूप में दिखा रहा है, जिससे रोजाना लोग इस जानलेवा रास्ते पर फंस जाते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग पर बड़े चेतावनी बोर्ड, बैरिकेड्स और सख्त निर्देश लगाए जाएं, ताकि कोई और हादसे का शिकार न हो।
दो साल से अधूरा पुल, सिर्फ वादे बाकी
-यह पुल हिमाचल और पंजाब को जोड़ने वाला प्रमुख संपर्क मार्ग है
-2023 की बारिश में बाढ़ से पूरी तरह टूट गया था
-वैकल्पिक पुल बनाया गया लेकिन पहली ही बारिश में बह गया
-वर्तमान में निर्माण कार्य अधूरा है – बस सरिए और खंभे बाकी हैं
-भारी वाहन अब बोदला के संकरे और असुरक्षित मार्ग से होकर गुजरते हैं
प्रशासन की अनदेखी पर जनता का गुस्सा
पंचायत उपप्रधान जगतार जग्गी और स्थानीय पूर्व सैनिक विक्की फौजी ने सरकारों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों राज्यों की सरकारें एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रही हैं, जबकि जनता रोज़ाना जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है। औद्योगिक क्षेत्र होने के चलते यह पुल ट्रांसपोर्टरों के लिए भी बेहद अहम है।