जानवर ‘जीवन धन' हैं, ‘पशु' शब्द का इस्तेमाल ठीक नहीं: राष्ट्रपति मुर्मू

punjabkesari.in Monday, Jun 30, 2025 - 03:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि जानवरों के लिये ‘पशु' शब्द का इस्तेमाल करना ‘ठीक नहीं है'। मुर्मू ने जानवरों को ‘जीवन धन' करार दिया। राष्ट्रपति ने भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के 11वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा, “जानवरों के बिना किसान आगे नहीं बढ़ सकता, इसलिए ‘पशु' शब्द ठीक नहीं लगता। उनके बिना हम जिंदगी सोच नहीं सकते।” उन्होंने कहा, “हमारी संस्कृति जीव-जंतुओं में ईश्वर की उपस्थिति को देखती है। पशुओं से हमारे देवताओं और ऋषि-मुनियों का संवाद होता है। यह मान्यता भी इस सोच पर आधारित है। भगवान के कई अवतार भी इसी विशिष्ट श्रेणी में हैं।”

मुर्मू ने जैव विविधता के महत्व को दर्शाते हुए कहा कि आईवीआरआई जैसी संस्थाओं से अपील है कि वे जैव विविधता को बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाएं और आदर्श प्रस्तुत करें। उन्होंने अपने बचपन की किस्सों का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘हम जब छोटे थे तब बहुत सारे गिद्ध थे, लेकिन आज गिद्ध लुप्‍त हो गए हैं।'' मुर्मू ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि गिद्ध के विलुप्त होने के पीछे पशु चिकित्सा में इस्तेमाल होने वालीं रासायनिक दवाओं की भूमिका है। बहुत सारे कारणों में यह भी एक कारण है। ऐसी दवाओं पर प्रतिबंध लगाना गिद्धों के संरक्षण की दिशा में सराहनीय कदम है।''

उन्होंने दवाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए वैज्ञानिकों के प्रति आभार जताया और कहा, ‘‘कई प्रजातियां विलुप्‍त हो रहीं हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। इन प्रजातियों का संरक्षण पर्यावरण संतुलन के लिए बहुत ही आवश्यक है। आईवीआरआई जैसे संस्‍थाओं से अपील है कि वे जैव विविधता को बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाएं और आदर्श प्रस्तुत करें।'' मुर्मू ने समारोह में मौजूद विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आज पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की बड़ी संख्या देखकर काफी गर्व महसूस कर रही हूं। बेटियां अन्य क्षेत्रों की तरफ पशु चिकित्सा क्षेत्र में भी आगे आ रही हैं, यह बहुत ही शुभ संकेत है।''

मुर्मू ने महिलाओं से आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि गांवों में पशुओं, गायों की सेवा मां-बहनें करती थीं, क्योंकि माता-बहनों से उनका जुड़ाव है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आप (विद्यार्थियों) सबने बेजुबान पशुओं की चिकित्‍सा को ‘करियर' के रूप में चुना ह‍ै और मैं चाहती हूं कि आपमें कल्याण की भावना बनी रहे और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी इसी मूल भावना से कार्य करते रहेंगे।'' राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मेरी सलाह है कि जब भी आपके सामने दुविधा का क्षण आए, आप उन बेजुबान पशुओं के बारे में सोचिए जिनके कल्‍याण के लिए आपने शिक्षा ग्रहण की है, आपको सही मार्ग जरूर दिखाई देगा।''

उन्होंने पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में आधुनिक प्रौद्योगिकी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी अन्य क्षेत्रों की तरह पशु चिकित्सा एवं देखभाल में भी क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है। प्रौद्योगिकी के प्रयोग से देशभर के पशु चिकित्सकों को सशक्त बनाया जा सकता है। जीनोम अनुक्रमण, ‘एंब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी', कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी प्रौद्योगिकी के प्रयोग से इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए जा सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘विश्वभर के प्रतिष्ठित संस्थानों और उद्योगों में सेवारत यहां (आईवीआरआई) के पूर्व विद्यार्थी भी इस कार्य में आपका मार्गदर्शन कर सकते हैं।” 

 


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Content Editor

Mansa Devi

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