UN ने माना दवा है भांग, 27 देशों ने पक्ष में किया वोट...विरोध में भारत

punjabkesari.in Thursday, Dec 03, 2020 - 04:41 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भांग (cannabis) एक नशा नहीं बल्कि दवा है। जी हां संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ ने भांग के दवा के रूप में मान्यता दे दी है। संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ (United Nations organisation) में हुए ऐतिहासिक मतदान के बाद भांग को दवा के रूप में मान्‍यता दी गई। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के विशेषज्ञों की सिफारिश के बाद संयुक्‍त राष्‍ट्र ने यह फैसला किया है। WHO ने संयुक्‍त राष्‍ट्र के मादक पदार्थ आयोग से भांग को मादक पदार्थों की सूची से हटाने को कहा था जिस पर गहन विचार किया गया और आखिरकार भांग नशा नहीं दवा की मान्यता दी गई। इससे पहले ऐसा कहा जाता था कि भांग स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत कम फायदेमंद है। संयुक्त राष्ट्र ने जो मतदान कराया है उसके पक्ष में 27 देशों ने वोटिंग की जबकि 25 सदस्‍यों ने इसके ख‍िलाफ मतदान किया है। भारत, पाकिस्‍तान, नाइजीरिया और रूस ने इसका विरोध किया है। 

 

भांग से बनेंगी दवाएं
UN के इस फैसले के बाद अब भांग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल दवाओं में होगा। इसके अलावा अब वैज्ञानिकों को भी एक रिसर्ट मिल जाएगी। UN का मानना है कि कई देश भांग और गांजे के इस्तेमाल को लेकर अपनी पॉलिसी बदल सकते हैं।

 

भारत में भांग का इस्तेमाल
भारत में भांग का इस्‍तेमाल हजारों साल से हो रहा है। होली पर तो इसकी डिमांड और ज्‍यादा बढ़ जाती है। भारत में गैर-कानूनी रूप से गांजे की दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में जमकर खपत होती है। हालांकि भांग अब भी देश में प्रतिबंधित बना हुआ है। दुनियाभर में 50 से ज्‍यादा देशों में भांग के इलाज के लिए इस्‍तेमाल को मान्‍यता दी गई है। बता दें कि कनाडा, उरुग्‍वे और अमेरिका के 15 राज्‍यों में शौकिया तौर पर भांग के इस्‍तेमाल को मान्‍यता दी गई है। अब मैक्सिको और लग्‍जमबर्ग में भी भांग को मान्‍यता देने पर विचार कर रहे हैं।
 


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Seema Sharma

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