राज्यपाल कोटे से MLC बनेंगे उद्धव ठाकरे? टल सकता है मुख्यमंत्री की कुर्सी का संकट

punjabkesari.in Thursday, Apr 09, 2020 - 06:07 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कोरोना वायरस के चलते संकट में आई उद्धव ठाकरे की मुख्यमंत्री पद की कुर्सी बचाने के लिए गुरुवार को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें उद्धव ठाकरे के नाम को राज्यपास कोटे से गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से सिफारिश की गई है। हालांकि, अब देखना है कि गवर्नर सरकार के द्वारा भेजे गए उद्धव ठाकरे के नाम पर मुहर लगाते हैं या फिर नहीं।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते महाराष्ट्र में संवैधानिक संकट की स्थिति आ सकती है, जिसे देखते हुए उद्धव ठाकरे के पास सिर्फ दो ही विकल्प है। उन्हीं में से एक विकल्प को आज महाराष्ट्र सरकार ने अपना लिया है। इसी विकल्प के तहत उद्धव ठाकरे के नाम को एमएलसी के लिए नामित करने के लिए कैबिनेट ने राज्यपाल के पास भेजा है। इस तरह से उद्धव ठाकरे की कुर्सी का फैसला राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पाले में हैं।

उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तब वे महाराष्ट्र के किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। संविधान की धारा 164 (4) के अनुसार उद्धव ठाकरे को 6 माह में राज्य के किसी सदन का सदस्य होना अनिवार्य है। ऐसे में उद्धव ठाकरे को अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी को बचाए रखने के लिए 28 मई से पहले विधानमंडल का सदस्य बनना जरूरी है।

महाराष्ट्र के विधान परिषद के 9 सदस्यों का कार्यकाल 24 अप्रैल को खत्म हो रहा है। इन 9 विधान परिषद सीटों पर चुनाव होने थे, जिन्हें केंद्रीय चुनाव आयोग ने अनिश्चित समय के लिए आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इन्हीं 9 विधान परिषद सीटों में से किसी एक सीट पर उद्धव ठाकरे चुनाव लड़ने की संभावना थी, लेकिन कोरोना के चलते चुनाव टल जाने के बाद संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। इसी के चलते डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कैबिनेट की बैठक की और राज्यपाल कोटे से उद्धव ठाकरे को एमएलसी के तौर पर नामित करने के लिए सिफारिश की है।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते एमएलसी का चुनाव टाल दिया गया है। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने बैठक कर राज्यपाल कोटे की रिक्त दो एमएलसी सीटों में से एक सीट पर उद्धव ठाकरे के नाम को तुरंत नामित करने की सिफारिश की है। हालांकि, इसीलिए उद्धव ठाकरे ने कैबिनटे की बैठक में हिस्सा लेने से परहेज किया है।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा भेजे गए नाम पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी सहमत हो जाते हैं तो उद्धव ठाकरे अपनी सीएम की कुर्सी बचाए रखने में सफल हो सकते हैं। वहीं, अगर राज्यपाल उद्धव ठाकरे के नाम को वापस कर देते हैं तो फिर उनके पास इस्तीफा देने के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचेगा। राज्यपाल कोटे से गैरराजनीतिक व्यक्ति को ही एमएलसी के लिए चुना जाता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News