घरेलू टायर उद्योग को प्रतिस्थापन मांग से मिलेगी रफ्तार, वित्त वर्ष 2026 में 7-8% वृद्धि की उम्मीद
punjabkesari.in Tuesday, Aug 26, 2025 - 03:43 PM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रतिस्थापन मांग के चलते घरेलू टायर उद्योग चालू वित्त वर्ष 2026 में 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकता है। उद्योग विशेषज्ञों और कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, कमजोर मूल उपकरण (OEM) मांग के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत उपभोक्ता रुझान, त्योहारी सीजन की संभावनाएं और ब्याज दरों में कटौती जैसे कारकों से यह वृद्धि संभव मानी जा रही है।
जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक अंशुमान सिंघानिया ने कहा कि भारतीय टायर उद्योग अब भी एक निर्यात-प्रधान विनिर्माण क्षेत्र बना हुआ है और वित्त वर्ष 2025 में इसका निर्यात 25,000 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुका है। उन्होंने एक विश्लेषक कॉल में बताया, "वित्त वर्ष 2026 में भारतीय टायर उद्योग को कमजोर मूल उपकरण (OEM) मांग के बावजूद घरेलू प्रतिस्थापन मांग के आधार पर 7-8 प्रतिशत की वृद्धि हासिल होने की उम्मीद है।"
सिंघानिया के अनुसार, इस वृद्धि का श्रेय क्षमता विस्तार में निरंतर निवेश, विनिर्माण दक्षता में सुधार और अनुसंधान एवं विकास (R&D) क्षमताओं को मजबूत करने पर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारी सीजन, हाल ही में रेपो दरों में कटौती और अनुकूल मानसून के चलते उपभोक्ता धारणा में सुधार की भी संभावना है।
अपोलो टायर्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) गौरव कुमार ने भी बाजार में मांग सुधार की संभावना जताई। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि मानसून के बाद बुनियादी ढांचा और खनन क्षेत्रों में तेजी आएगी, जिससे वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मांग बेहतर हो सकती है।" कच्चे माल की लागत के बारे में उन्होंने कहा, "दूसरी तिमाही में कच्चे माल की लागत मौजूदा स्तरों की तुलना में थोड़ी कम रहने की संभावना है, हालांकि विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव के कारण कुछ अनिश्चितता बनी हुई है।"
उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख ने कहा
रेटिंग एजेंसी इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख (कॉर्पोरेट रेटिंग्स) श्रीकुमार कृष्णमूर्ति ने कहा कि वाणिज्यिक और यात्री वाहन क्षेत्रों में मूल उपकरण निर्माताओं की ओर से मांग दोपहिया वाहनों की तुलना में कम रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, "टायर उद्योग में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली प्रतिस्थापन मांग को ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक रुझानों, त्योहारी सीजन की मांग और ब्याज दरों में कटौती जैसे कारकों से समर्थन मिलने की उम्मीद है, हालांकि शहरी मांग फिलहाल कमजोर है।" उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि वैश्विक भू-राजनीतिक हालात और अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितताओं के कारण टायर निर्यात को कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि घरेलू टायर उद्योग को इस वित्त वर्ष में 7-8 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि देखने को मिल सकती है। यह वृद्धि मुख्य रूप से प्रतिस्थापन मांग से संचालित होगी, जो उद्योग की कुल वार्षिक बिक्री का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रीमियम उत्पादों की बढ़ती मांग से कंपनियों की आय में कुछ वृद्धि हो सकती है।