तुर्की को नहीं मिलेगा अब अलीगढ़ का ताला, व्यापारियों ने पाकिस्तान समर्थन पर उठाया बड़ा कदम
punjabkesari.in Saturday, May 17, 2025 - 06:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करना भारत के कारोबारियों को रास नहीं आया है। इसका सीधा असर अब तुर्की की सुरक्षा व्यवस्था और ताले उद्योग पर देखने को मिल रहा है। भारत के ‘ताले और तालीम’ के लिए प्रसिद्ध अलीगढ़ शहर के कारोबारियों ने एक बड़ा फैसला लेते हुए तुर्की को ताले और हार्डवेयर की सप्लाई पूरी तरह बंद करने का ऐलान किया है।अलीगढ़ की ताला और हार्डवेयर यूनियन ने कहा है कि तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन कर भारत के सम्मान को चोट पहुंचाई है। यूनियन पदाधिकारियों ने साफ कहा कि अब तुर्की को एक भी ताला, डोर लॉक या सिक्योरिटी सिस्टम नहीं भेजा जाएगा। व्यापारियों का कहना है कि उनका कारोबार देशभक्ति से बढ़कर नहीं है। यूनियन के एक सदस्य ने कहा "अगर देश का अपमान किया जाएगा, तो हम किसी भी कीमत पर अपना माल नहीं भेजेंगे, चाहे उसे कोई भी नुकसान हो।"
करोड़ों का झटका तुर्की को
जानकारी के मुताबिक अलीगढ़ से हर साल तुर्की को करोड़ों रुपये के ताले और हार्डवेयर आइटम्स एक्सपोर्ट किए जाते थे। इनमें प्रमुख रूप से डोर लॉक, गेट फिटिंग्स, सिक्योरिटी लॉक सिस्टम और अन्य हार्डवेयर प्रोडक्ट्स शामिल हैं। अब इस सप्लाई पर पूरी तरह रोक लगाने के फैसले से तुर्की को बड़ा आर्थिक झटका लग सकता है, क्योंकि अलीगढ़ के ताले विश्वसनीयता और मजबूती के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं।
अलीगढ़ के तालों का वैश्विक वर्चस्व
अलीगढ़ की पहचान केवल शिक्षा से ही नहीं, बल्कि मजबूत ताले बनाने वाले शहर के रूप में भी है। यहां करीब 11 हजार से ज्यादा छोटी और बड़ी इकाइयां हैं जो सालाना 210 करोड़ रुपये से ज्यादा का ताला कारोबार करती हैं। तुर्की उन देशों में शामिल था, जो अलीगढ़ से नियमित रूप से ताले और अन्य सिक्योरिटी हार्डवेयर मंगवाता था। अब तुर्की की इस सप्लाई पर पाबंदी का असर वहां की सुरक्षा व्यवस्था और निर्माण सेक्टर पर दिख सकता है।
तुर्की ने क्यों झेला विरोध?
भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई कड़ी कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था। इस समर्थन को भारत ने राष्ट्रीय स्वाभिमान के खिलाफ माना और इसके विरोध में कई कदम उठाए गए। भारत सरकार ने भी तुर्की से व्यापारिक रिश्तों की समीक्षा की और धीरे-धीरे कई सेक्टरों में सहयोग सीमित कर दिया। अब अलीगढ़ के कारोबारियों द्वारा ताले की सप्लाई रोकना इसी विरोध की एक अहम कड़ी है।