भारत पर डबल टैरिफ... चीन-पाकिस्तान और बांग्लादेश पर लगाया सिर्फ इतना शुल्क; जानिए ट्रंप का गेम प्लैन

punjabkesari.in Thursday, Aug 07, 2025 - 01:44 PM (IST)

नेशनल डेस्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए बड़ा आर्थिक कदम उठाया है। ट्रंप प्रशासन ने भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ (शुल्क) लगाने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद भारत अब अमेरिका द्वारा सबसे अधिक टैरिफ झेलने वाले देशों में शामिल हो गया है।

रूस से रिश्तों पर नाराज़ ट्रंप

अमेरिका की इस कार्रवाई के पीछे सबसे बड़ा कारण भारत और रूस के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध माने जा रहे हैं। ट्रंप को इस बात पर ऐतराज़ है कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहा है, जबकि रूस अपनी आमदनी का एक बड़ा हिस्सा यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल कर रहा है। ट्रंप ने पहले भी सार्वजनिक मंचों पर चेतावनी दी थी कि अगर भारत ने रूस से व्यापार कम नहीं किया, तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। अब उसी चेतावनी को अमल में लाते हुए अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त टैक्स लगा दिया है।

भारत और ब्राजील पर एक जैसा टैरिफ

अमेरिका ने भारत और ब्राजील दोनों पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया है। पहले भारत पर यह शुल्क केवल 25 प्रतिशत था, लेकिन अब इसे 25% और बढ़ाकर ब्राजील के बराबर कर दिया गया है।

सबसे ज़्यादा टैरिफ वाले देश अब ये हैं:

  • भारत: 50%
  • ब्राजील: 50%
  • स्विट्ज़रलैंड: 39%
  • कनाडा: 35%

चीन पर भारत से कम टैरिफ

ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच टैरिफ को लेकर पहले से ही काफी तनाव रहा है, लेकिन अब अमेरिका ने चीन पर सिर्फ 30% शुल्क लगाया है, जो भारत से 20 प्रतिशत कम है।

पाकिस्तान और बांग्लादेश को दी रियायत

जहां भारत को कठोर टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है, वहीं पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों को ट्रंप प्रशासन ने राहत दी है।

  • पाकिस्तान पर सिर्फ 19% टैरिफ है।
  • बांग्लादेश पर 20% टैरिफ लगाया गया है।

विशेष बात यह है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर दूसरी बार अमेरिका दौरे की तैयारी कर रहे हैं, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्तों की मजबूती का संकेत मिलता है।

भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव

अमेरिका की यह नई नीति भारत के साथ उसके संबंधों में खटास को दर्शाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस से भारत के घनिष्ठ संबंध और अमेरिका की रूस विरोधी नीतियों के कारण यह टकराव और बढ़ सकता है।


 


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Content Editor

Mehak

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