ट्रंप टैरिफ का उल्टा असर: चीन फिर बना दिग्गज कंपनियों की पहली पसंद, भारत को हो सकता नुकसान
punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 06:31 PM (IST)
Washington: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर लगाए गए 25% आयात शुल्क (टैरिफ) का असर उल्टा पड़ता दिख रहा है। जहां एक ओर ट्रंप का इरादा अमेरिकी कंपनियों को चीन से हटाकर भारत, वियतनाम और अन्य एशियाई देशों की ओर मोड़ना था, वहीं अब ताजा आंकड़े बताते हैं कि बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां एक बार फिर चीन की ओर लौट रही हैं।
"चाइना प्लस वन" रणनीति हुई धीमी
पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका और यूरोपीय यूनियन की कई कंपनियों ने “चाइना प्लस वन” नीति अपनाते हुए भारत, बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों में वैकल्पिक सप्लाई चेन बनाने की कोशिश की थी। लेकिन अब विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की मजबूत मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सस्ते और कुशल श्रमिक, और लॉजिस्टिक्स की ताकत ने फिर से उसे निवेश का 'हॉटस्पॉट' बना दिया है।
भारत को लग सकता झटका
भारत को उम्मीद थी कि अमेरिकी टैरिफ के बाद चीन से पलायन करती कंपनियां भारत में निवेश बढ़ाएंगी। हालांकि, लगातार नीति अस्थिरता, भूमि अधिग्रहण की समस्याएं, श्रमिक कानूनों की जटिलता और लॉजिस्टिक्स की सीमाएं कंपनियों के लिए बाधा बन रही हैं। यही कारण है कि Apple, Tesla, और Intel जैसी कंपनियां फिर से चीन में ही अपने ऑपरेशंस को बढ़ाने की सोच रही हैं।
विशेषज्ञ बोले- 'टैरिफ अकेले काफी नहीं'
हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल के ट्रेड विशेषज्ञ प्रो. जेम्स कैनेडी ने कहा, "25% टैरिफ लगाना प्रतीकात्मक है, लेकिन अगर चीन का उत्पादन ढांचा कहीं बेहतर है, तो कंपनियां लॉन्ग टर्म में वहीं रहेंगी। भारत और एशिया को इसके लिए नीतिगत क्रांति करनी होगी।"
चीन ने अमेरिका को दी चुनौती
चीन ने ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीति के बावजूद अपनी आर्थिक रणनीति में लचीलापन दिखाया। उसने अमेरिकी टैरिफ के असर को कम करने के लिए अफ्रीका, मध्य एशिया और लैटिन अमेरिका के बाजारों में विस्तार किया, जिससे उसके निर्यात में नई ऊर्जा आई।
