पाकिस्तान पर उमड़ा ट्रंप का प्यार, 19% टैरिफ लगाकर सबको किया हैरान

punjabkesari.in Friday, Aug 01, 2025 - 04:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर मात्र 19% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जो दक्षिण एशिया के किसी भी देश पर सबसे कम अमेरिकी टैरिफ होगा। यह घोषणा ट्रंप द्वारा पाकिस्तान के साथ एक बड़ी ऑयल डील के ऐलान के ठीक एक दिन बाद आई है, जिससे दोनों देशों के संबंधों में बढ़ती नजदीकी स्पष्ट होती है।

पाकिस्तान पर ट्रंप की दोहरी 'मेहरबानी'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दो दिन के भीतर दो बड़ी राहतें दी हैं, जो दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई हैं।

1. टैरिफ में भारी कटौती: ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका पाकिस्तान पर सिर्फ 19% टैरिफ लगाएगा। यह दक्षिण एशिया के किसी भी देश पर लगाया जाने वाला सबसे कम अमेरिकी टैरिफ होगा। इससे पहले ट्रंप ने अप्रैल में भारत पर 26% और पाकिस्तान पर 29% टैरिफ लगाने की बात कही थी। नए आदेश में भारत को सिर्फ 1% और पाकिस्तान को 10% की बड़ी छूट मिली है।

2.  ऑयल और ट्रेड डील का ऐलान: इस टैरिफ कटौती से ठीक एक दिन पहले ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ एक बड़ी ऑयल और ट्रेड डील होने का ऐलान किया था। इस डील के तहत अमेरिका पाकिस्तान में तेल की खोज, प्रोसेसिंग और स्टोरेज क्षमता विकसित करने में मदद करेगा। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए यह भी दावा किया कि भविष्य में पाकिस्तान भारत को तेल बेच सकता है।

बीते कुछ महीनों से अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी नजदीकी देखी जा रही है। जून में पाकिस्तान ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामित किया था। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर के बाद ट्रंप ने 'आई लव पाकिस्तान' भी कहा था।

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पाकिस्तान पर मेहरबानी के पीछे के 6 बड़े कारण

रॉयटर्स और इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका की पाकिस्तान पर इस मेहरबानी के पीछे कई रणनीतिक और आर्थिक कारण हो सकते हैं:

1. भू-रणनीतिक स्थिति का महत्व: पाकिस्तान की भौगोलिक स्थिति अमेरिका के लिए बेहद अहम है। इसकी सीमाएं अफगानिस्तान और ईरान से लगती हैं, जो दोनों अमेरिका की विदेश नीति में संवेदनशील देश हैं। अमेरिका अफगानिस्तान से निकलने के बाद भी उस क्षेत्र में निगरानी बनाए रखना चाहता है और पाकिस्तान इस दृष्टि से एक लॉजिस्टिक बेस या मॉनिटरिंग पॉइंट की तरह काम कर सकता है।

2.  भारत को संतुलित करने की कोशिश: भारत और अमेरिका के संबंध गहरे हुए हैं, लेकिन दोनों के बीच कई व्यापारिक और रणनीतिक मतभेद भी हैं, जैसे भारत का रूस से हथियार खरीदना, कृषि और डेयरी में अमेरिकी पहुंच का विरोध और WTO पर टकराव। ऐसे में पाकिस्तान को तरजीह देकर अमेरिका एक 'संदेश' देना चाहता है कि अगर भारत बहुत कठोर रवैया अपनाएगा तो अमेरिका के पास अन्य विकल्प मौजूद हैं।

3. पाकिस्तान के ज़रिए चीन पर घेराबंदी: पाकिस्तान पर कम टैरिफ लगाना अमेरिका की चीन को साधने की रणनीति का हिस्सा भी माना जा सकता है। चीन ने चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के जरिए पाकिस्तान में भारी निवेश कर रखा है, जो बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का सबसे अहम हिस्सा है। अमेरिका को यह प्रोजेक्ट रणनीतिक तौर पर चुनौती लगता है क्योंकि इससे चीन को अरब सागर तक सीधी पहुंच मिलती है। अमेरिका पाकिस्तान से कारोबारी रिश्ते मजबूत कर BRI पर चीन की पकड़ को कमजोर कर सकता है या वहां अपनी मौजूदगी बनाए रख सकता है। इसके अलावा चीन का शिनजियांग इलाका पाकिस्तान से लगा है, जिससे अमेरिका पाकिस्तान में अपने संपर्क बढ़ाकर उस इलाके की गतिविधियों पर नजर रख सकता है। बलूचिस्तान में सक्रियता भी अमेरिका को चीन की ग्वादर बंदरगाह योजना पर निगरानी का मौका देती है।

4. पाकिस्तान के कपड़ा बाजार को फायदा पहुंचाना: रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिका में पाकिस्तानी कपड़े (टेक्सटाइल) बहुत लोकप्रिय हैं और यह पाकिस्तान के कुल निर्यात का 60% हिस्सा है। भारत, बांग्लादेश और वियतनाम भी इसी बाजार में हैं, लेकिन उन पर ज्यादा शुल्क लगने से पाकिस्तान को ज्यादा ऑर्डर मिल सकते हैं। अमेरिका ने भारत पर 25% और बांग्लादेश पर 20% टैरिफ लगाया है, जिससे पाकिस्तान को रणनीतिक फायदा मिल सकता है। पाकिस्तान का सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र कपड़ा उद्योग है और अमेरिका उसका सबसे बड़ा खरीदार है। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि यह फैसला ऊर्जा, खनिज, आईटी और क्रिप्टो जैसे क्षेत्रों में नए आर्थिक सहयोग की शुरुआत करेगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला पाकिस्तान को आर्थिक रूप से स्थिर करने की एक कोशिश भी हो सकती है।

5. अमेरिकी कंपनियों पर से टैक्स हटाना: पाकिस्तानी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने 1 जुलाई से अमेरिका समेत सभी विदेशी डिजिटल कंपनियों पर 5% 'डिजिटल प्रोसेसिंग प्रोसीड्स टैक्स (DST)' लगा दिया था। अमेरिका के ऐतराज के बाद पाकिस्तान ने उसी दिन यह टैक्स वापस ले लिया। अब इसके जवाब में अमेरिका ने पाकिस्तान पर टैरिफ घटाकर इनाम दिया है।

6. पाकिस्तान का ट्रंप को समर्थन: पाकिस्तान ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। पाकिस्तान के उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री इशाक डार ने 21 जून को ट्रंप के लिए एक आधिकारिक सिफारिश पत्र नॉर्वे स्थित नोबेल शांति पुरस्कार समिति को भेजा था। ऐसे समय में जब कई देशों में ट्रंप की आलोचना हो रही है, पाकिस्तान जैसे देशों का समर्थन ट्रंप राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं।

भारत पर जुर्माने का भी ऐलान

एक तरफ पाकिस्तान पर ट्रंप मेहरबान हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने यह भी कहा है कि वह रूस से हथियार और तेल खरीदने की वजह से भारत पर जुर्माना भी लगाएगा। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि वह इस घोषणा के प्रभावों को देखते हुए और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। यह टैरिफ स्टील, एल्यूमीनियम, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ज्वेलरी जैसे क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।


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News Editor

Radhika

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