'भारत सरकार आरोपों को गंभीरता से ले', खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या पर फिर बोले ट्रूडो
punjabkesari.in Thursday, Sep 21, 2023 - 10:38 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बृहस्पतिवार को फिर से कहा कि ऐसे ‘‘विश्वसनीय आरोप हैं'' जिन्हें ‘‘अत्यधिक गंभीरता'' से लेने की जरूरत है। साथ ही, उन्होंने खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या के मामले में न्याय दिलाने में उनके (ट्रूडो के) देश के साथ काम करने का भारत सरकार से आग्रह किया। भारत और कनाडा के बीच जारी राजनयिक विवाद के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और हमारे साथ काम करे, ताकि इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरती जा सके और जवाबदेही एवं न्याय सुनिश्चित किया जा सके।''
#WATCH | Canadian PM Justin Trudeau says, "I call upon the Govt of India to work with us, to take seriously these allegations and to allow justice to follow its course."
— ANI (@ANI) September 21, 2023
(Source: Reuters) pic.twitter.com/lVhnLQNSwG
ट्रूडो से जब यह पूछा गया कि भारत द्वारा कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सेवा स्थगित करने के फैसले के बाद क्या उनकी सरकार जवाबी कदम उठाएगी, तो उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में कानून का शासन है। हम कनाडा के नागरिकों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाना जारी रखेंगे और अपने मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था को कायम रखेंगे। इसी पर अभी हमारा ध्यान है।'' भारत और कनाडा के बीच, खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर राजनयिक विवाद जारी है। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित' संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ। भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादी घोषित किया था।
भारत ने मंगलवार को इन आरोपों को ‘बेतुका' और ‘प्रेरित' बताते हुए खारिज कर दिया था और इस मामले को लेकर कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया गया। ट्रूडो से यह पूछे जाने पर कि क्या उनके द्वारा बताए गए सबूत व्यापक हैं, उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से, ऐसे विश्वसनीय आरोप हैं जिन्हें हमें कनाडाई और वास्तव में एक विश्व के रूप में बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है।''
ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार उकसाना या समस्या पैदा नहीं करनी चाहती। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत का महत्व बढ़ रहा है और यह ऐसा देश है जिसके साथ हमें काम करना जारी रखने की जरूरत है, न केवल क्षेत्र में बल्कि पूरी दुनिया में। हम उकसाना या समस्या उत्पन्न नहीं करना चाहते हैं। लेकिन हम कानून के शासन के महत्व और कनाडाई लोगों की सुरक्षा के महत्व के बारे में स्पष्ट हैं।'' ट्रूडो ने कहा, ‘‘इसलिए हम भारत सरकार से आह्वान करते हैं कि वह इस मामले की सच्चाई की तह तक जाने और उजागर करने के लिए हमारे साथ काम करें और न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित करें।''
कनाडा आतंकवादियों के लिए सुरक्षित जगह
वहीं, भारत सरकार ने कनाडा को आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह ठहराते हुए गुरुवार को कहा कि कनाडा की ओर से खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत को एक भी सबूत नहीं दिए गए जबकि भारत द्वारा कनाडा की धरती पर भारत विरोधी गतिविधियों के कई सबूत मुहैया कराने के बावजूद वहां कोई कारर्वाई नहीं की गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा कि उनकी राय में कनाडा सरकार पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं तथा उसने भारत पर जो भी आरोप लगाए हैं, वे राजनीति से प्रेरित हैं।
एक सवाल पर प्रवक्ता ने बताया कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की G20 शिखर-सम्मेलन के लिए हाल की भारत यात्रा के दौरान ट्रूडो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात में निज्जर की हत्या का मामला उठाया था और भारत की भूमिका की बात कही थी जिसे मोदी ने खारिज कर दिया था। यह पूछे जाने पर कि क्या कनाडा ने भारत उन घटनाओं के बारे में कोई प्रमाण या साक्ष्य दिए हैं , जिन्हें लेकर वह भारत पर दोषारोपण कर रहा है, प्रवक्ता ने साफ शब्दों में कहा कि कनाडा ने भारत को निज्जर की हत्या में भारतीय हाथ होने के बारे में कोई सबूत नहीं दिए हैं जबकि भारत ने निज्जर और कई अन्य लोगों के बारे में कई बार सबूत दिए गए लेकिन कनाडा सरकार की ओर कुछ नहीं किया गया।
बागची ने कहा कि कनाडा में हिंसा और अपराध चरम पर है तथा आतंकवादियों, चरमपंथियों और अपराधियों की पनाहगाह बन गई है और वहां उन्हें वित्तीय सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि कनाडा सरकार आतंकवादियों, चरमपंथियों और संगठित अपराध में लिप्त लोगों के विरुद्ध कारर्वाई करे अथवा उन्हें भारत में प्रत्यर्पित करे ताकि वे यहां न्याय प्रक्रिया का सामना कर सकें।
अगले आदेश तक वीजा सेवाएं सस्पेंड
राजनयिकों के निष्कासन के बारे में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने कहा कि हमने कहा है कि दोनों देशों के बीच राजनयिकों की तैनाती के संबंध में संख्या बराबर बराबर होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या, कनाडा में भारतीय राजनयिकों की संख्या की काफी अधिक है। कनाडा और भारत में दोनों देशों के राजनयिकों की संख्या समान की जाएगी।
उन्होंने वीजा के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों के विरुद्ध धमकी दिए जाने और पोस्टर लगाये जाने के कारण उनकी नियमित ड्यूटी बाधित हुई है , इसलिए अभी वीजा जारी किये जाने का काम अगली सूचना तक स्थगित किया गया है। उन्होंने कहा कि जिनके पास पहले से भारतीय वीसा या ओसीआई कार्ड है, उन्हें यात्रा करने में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कनाडा में रहने वाले भारतीय छात्रों एवं अन्य यात्रियों तथा वहां जाने की तैयारी कर रहे लोगों के लिए एक यात्रा एडवाइजरी जारी किया है।