UNSC रिपोर्ट में TRF का नाम दर्ज, भारत को बड़ी कूटनीतिक सफलता
punjabkesari.in Thursday, Jul 31, 2025 - 02:59 PM (IST)

नई दिल्लीः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ताज़ा रिपोर्ट में भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत दर्ज की गई है। रिपोर्ट में अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे "द रेसिस्टेंस फ्रंट" (TRF) को सीधे तौर पर ज़िम्मेदार ठहराया गया है। साथ ही TRF के लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से सीधे संबंध की पुष्टि भी की गई है।
पहली बार UNSC रिपोर्ट में TRF का स्पष्ट उल्लेख
यह पहला मौका है जब UNSC की 1267 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम ने TRF जैसे आतंकी संगठन का नाम आधिकारिक रूप से रिपोर्ट में शामिल किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, TRF ने हमले की जिम्मेदारी दो बार ली थी और घटना स्थल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की थीं। हालांकि बाद में संगठन ने अपने बयान को वापस ले लिया लेकिन किसी अन्य समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली।
TRF–LeT: “एक ही सिक्के के दो पहलू”
रिपोर्ट में सदस्य राष्ट्रों के हवाले से कहा गया है कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी नेटवर्क के समर्थन के बिना ऐसा हमला संभव नहीं था। एक सदस्य ने TRF और LeT को "एक ही सिक्के के दो पहलू" बताया। भारत लंबे समय से TRF को लश्कर का मुखौटा संगठन मानता रहा है, जिसे अब अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी मिल गई है।
भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक स्थिति हुई मज़बूत
भारत कई वर्षों से पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहा है। अब जब UNSC की रिपोर्ट में TRF और LeT का नाम स्पष्ट रूप से दर्ज किया गया है, तो यह भारत के पक्ष को वैश्विक समर्थन दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
अमेरिका पहले ही घोषित कर चुका है TRF को आतंकी संगठन
इससे पहले जुलाई 2025 में अमेरिका ने TRF को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) घोषित किया था। साथ ही, TRF के प्रवक्ता सादत बसीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया है।
पहलगाम हमला: 26 लोगों की दर्दनाक मौत
22 अप्रैल 2025 को हुए इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें स्थानीय गाइड और पर्यटक शामिल थे। TRF ने सोशल मीडिया पर इस हमले को लेकर लगातार प्रचार किया, जिससे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सतर्कता बढ़ानी पड़ी।
पाकिस्तान की ‘डिनायबिलिटी रणनीति’ को झटका
UNSC की रिपोर्ट ने पाकिस्तान की "प्लॉज़िबल डिनायबिलिटी" रणनीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर कर दिया है। TRF का नाम रिपोर्ट में आना इस बात का प्रमाण है कि सीमापार आतंकी नेटवर्क अब भी सक्रिय हैं और उन्हें पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है।