आपके मोबाईल की लोकेशन ट्रैक करना चाहती है सरकार, बड़ी कंपनियों ने जताई आपत्ति; रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

punjabkesari.in Saturday, Dec 06, 2025 - 01:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क : सरकार ने 'संचार साथी ऐप' से मुंह मोड़ने के बाद अब मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग के लिए एक नए विकल्प पर ध्यान देना शुरू किया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार टेलीकॉम इंडस्ट्री के एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिसके तहत स्मार्टफोन कंपनियों को अपने डिवाइस में सैटेलाइट आधारित लोकेशन ट्रैकिंग फीचर अनिवार्य रूप से सक्रिय करना होगा। हालांकि, बड़ी टेक कंपनियों - ऐप्पल, गूगल और सैमसंग  ने इसे तुरंत लागू करने का विरोध किया है और कहा है कि इससे यूजर की प्राइवेसी पर असर पड़ेगा।

COAI का प्रस्ताव क्या है?

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने सुझाव दिया है कि स्मार्टफोन कंपनियों को A-GPS तकनीक को हमेशा सक्रिय रखना चाहिए, ताकि किसी भी यूजर की लोकेशन बिल्कुल सटीक तरीके से पता लग सके। A-GPS में सैटेलाइट सिग्नल के साथ मोबाइल नेटवर्क का डेटा भी इस्तेमाल होता है। इस तकनीक के चलते फोन की लोकेशन सर्विस हमेशा ऑन रहेगी और यूजर इसे बंद नहीं कर पाएगा। फिलहाल मोबाइल लोकेशन का पता सेलुलर टावर के आधार पर लगाया जाता है, जो अक्सर सटीक लोकेशन नहीं बताता। रिपोर्ट में बताया गया कि इस मुद्दे पर गृह मंत्रालय ने स्मार्टफोन कंपनियों के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी, लेकिन फिलहाल वह बैठक टल गई है।

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स्मार्टफोन कंपनियों की आपत्ति

ऐप्पल और गूगल सहित कई कंपनियों ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। इन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ग्रुप ICEA ने कहा है कि दुनिया में कहीं भी डिवाइस लेवल पर अनिवार्य लोकेशन ट्रैकिंग लागू नहीं है।

ICEA के अनुसार:

  • A-GPS का इस्तेमाल निगरानी (surveillance) के लिए नहीं किया जाता
  • यह कदम प्राइवेसी, कानूनी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई सवाल खड़े करता है
  • लाखों यूजर्स में सैन्य अधिकारी, जज, पत्रकार और संवेदनशील जानकारी रखने वाले लोग शामिल होते हैं, जिनकी सुरक्षा पर सीधा खतरा हो सकता है

सरकार अब इस प्रस्ताव पर आगे क्या फैसला लेती है, यह देखना अहम होगा। फिलहाल, चर्चा जारी है और दोनों पक्ष अपनी-अपनी चिंताएं सामने रख रहे हैं।


 


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Mehak

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