परिवार पहचान पत्र से आई है वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना में पारदर्शिता

punjabkesari.in Thursday, Sep 22, 2022 - 07:51 PM (IST)


चण्डीगढ़, 22 सिंतबर- (अर्चना सेठी )हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने पिछले 7 वर्षों से अधिक समय से पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय के दर्शन को मूर्तरूप देते हुए समाज की पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्तियों को पूर्ण पारदर्शिता से सरकारी योजनाओं का लाभ देने की मुहिम की गति को निरंतर जारी रखा। चाहे बात मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के माध्यम से उन्हें स्वरोजगारपरक बनाने की हो या मेरिट आधार पर सरकारी नौकरी देने की हो या अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ देने की हो। इस कड़ी में मुख्यमंत्री ने एक और पहल करते हुए जन संवाद कार्यक्रम की शुरुआत की जिसमें मौके पर ही मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी भी लोगों की शिकायतों का समाधान कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री ने 25 दिसंबर को प्रदेश में सुशासन दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की। सुशासन दिवस लोगों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रदेश में एक पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रशासन मुहैया कराने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराता है। इसका उद्देश्य, सरकारी सेवाओं और योजनाओं का सरल तरीके से हर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचाना और आज 40 से अधिक विभागों की 500 से अधिक सेवाएं ऑनलाइन हो गई हैं। कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल से इनकी जानकारी ले सकता है।

मुख्यमंत्री का मानना है कि गरीब से गरीब व्यक्ति  को सरकार की हर योजना का लाभ मिले और समयबद्ध  तरीके से उसकी समस्या का समाधान हो। इसका सीधा उदाहरण रोहतक में उस समय देखने को मिला जब मुख्यमंत्री के सम्मुख एक महिला ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत मृत दिखाकर नाम काटने की शिकायत की जबकि वह जीवित है। मुख्यमंत्री ने तत्काल उस महिला को एक माह की 2,500 रूपए की पेंशन राशि नकद अपनी जेब से दी और कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। परिवार पहचान पत्र में परिवार के मुखिया को स्वयं अपनी आय घोषित करनी होती है और उसके बाद भी 2-3 बार आंकड़े सुधारने का अवसर दिया जाता है तत्पश्चात पीपीपी के आंकड़े सत्यापित किये जाते हैं। आधार कार्ड के बाद परिवार पहचान पत्र ही एक ऐसा दस्तावेज बना है जिसके आंकड़ें प्रमाणीकृत हैं। परिवार पहचान पत्र लागू करने वाला हरियाणा देश में ही नहीं बल्कि विश्व में भी पहला राज्य बना है।  

 करनाल, रोहतक व सिरसा जिलों में मुख्यमंत्री जन संवाद कार्यक्रमों का आयोजन कर चुके हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी जन संवाद कार्यक्रमों में उपस्थित रहते हैं और मौके पर ही जन शिकायतों का समाधान करते हैं। सिरसा में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने साढ़े तीन घंटे से अधिक समय लोगों की शिकायतों को सुना तो वहीं वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना, बीपीएल राशन कार्ड, मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित शिकायतें उच्चाधिकारियों ने सुनी।  जन संवाद कार्यक्रम में एक महिला शिकायतकर्ता अपना नाम वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना से काटे जाने की शिकायत लेकर मुख्यमंत्री के सम्मुख पेश हुई तो उन्होंने परिवार पहचान पत्र के आंकड़ों से मिलान किया तो शिकायतकर्ता के नाम 9 एकड़ जमीन है, लेकिन नियमानुसार अधिकतम 2 हेक्टेयर या 5 एकड़ तक की जमीन वालों को ही वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना का लाभ मिलता है। महिला शिकायतकर्ता द्वारा बार-बार उसका नाम योजना के लाभार्थियों की सूची में डालने के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप तो 9 एकड़ जमीन की मालकिन हो, आपको पेंशन नहीं मिल सकती। महिला ने जब मुख्यमंत्री को अपनी तीन बेटियां होने के बारे में बताया तो मुख्यमंत्री ने तत्काल महिला को 1 लाख रुपये अपने एच्छिक कोटे से सहायता देने की घोषणा की।  

 


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News Editor

Archna Sethi

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