कभी उड़ाते थे मजाक...आज ''नमस्‍ते'' को पूरी दुनिया ने अपनाया, कोरोना पर मांगी भारत से दवा

punjabkesari.in Sunday, Apr 12, 2020 - 03:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 90 का दशक वो दौर था जब बड़ी संख्या में भारतीयों ने ही पश्चिमी देशों का रुख किया। तब लोगों के मन में यह धारणा दी थी कि भारत का इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर उतना मजबूत नहीं जो देश की महामारियों को झेल सके। दरअसल  टीबी, स्‍मॉलपॉक्‍स और कॉलरा ने तब लोगों के मन में डर बिठा दिया था और कई विदेशों का रुख करने लग गए थे।वहीं जब लोग विदेश से लौटते खासकर अमेरिका और ब्रिटेन से तो इसे बड़े गर्व की बात माना जाता था। आज हालात कुछ और हैं। भारत की दशा अब पहले जैसे नहीं है बल्कि देश अब सुदृढ़ हो चुका है। आज नॉर्मली लोग विदेश से आने पर इतना दिखावा नहीं करते और इन दिनों तो बिल्कुल भी नहीं कर रहे और कारण है कोरोना वायरस।

 

कभी उड़ाते थे मजाक, आज नमस्ते कारगर
कहते हैं कि समय बड़ा बलवान होता है। भारत को 'सपेरों का देश' कहने वाले और यहां की संस्‍कृति, इसकी सभ्‍यता का मजाक उड़ाने वाले पश्चिमी देश आज भारत के क्लचर को ही अपना रहे हैं। आज पूरी दुनिया नमस्ते को तव्वजो दे रही है। नमस्ते भारत की युगों से चली आ रही पंरपरा है जिसका मतलब है सामने वाले को दिल की गहराई से नमन। जी हां, इन दिनों हाथ मिलाने से कोरोना फैलने का खतरा बना हुआ ऐसे में  इजरायल, ब्रिटेन जैसे कई देशों के नेता खुलकर 'नमस्‍ते' करने को कह रहे हैं और खुद भी इसे अपना रहे हैं। नमस्ते में कितने गुण है यह आज शायद पूरी दुनिया को मालूम पड़ गया।

 

अमेरिका ने जैसा किया वैसा भुगत रहा
साल 1892 में जब कॉलरा फैला तो अमेरिका ने सभी इमिग्रेंट्स को सीधे क्‍वारंटीन में भेज दिया था और वही आज अमेरिका के लोगों के साथ हो रहा है। अन्य देशों से आने वाले अमेरिकी लोगों को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्वारंटाइन कर रहे हैं। अमेरिका जैसे बड़े और पॉवरफुल देश के पास भी कोरोना का इलाज नहीं है। इतना ही नहीं अमेरिका दवा के लिए भी भारत पर इन दिनों निर्भर है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप की अपील पर बिना देर किए इस मुश्किल घड़ी में बिना देर किए मदद को हात आगे बढ़ाया और Hydroxychloroquine दवाई अमेरिका समेत ब्रजील, इजराइल कई देशों को पहुंचाई। ब्राजील के राष्‍ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने तो भारत को 'हनुमान' की संज्ञा दी।

 

भारत की सूझबूझ की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च के आखिरी हफ्ते में ही कोरोना की गंभीरता को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन  कर दिया था। वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भारत के COVID-19 पर रेस्‍पांस की तारीफ की। WHO ने पीएम मोदी की पीठ थपथपाते हुए कहा था कि भारत ने बड़ी ही सूझबूझ से काम लिया और एक बड़े नुकसान को टाल दिया। अमेरिका में मार्च के आखिर में कोरोना फैलना शुरू हुआ था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और आज वहां जो हालात हैं वो पूरी दुनिया देख रही है। यही गलती इटली और  ब्रिटेन ने भी की। इन तीनों देशों में हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है। खुद ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन कोरोना संक्रमित हैं और अभी ICU से बाहर आए हैं।


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Seema Sharma

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