ममता ने BJP के ''400 पार'' नारे का उड़ाया मजाक, दिया चैलेंज- 200 पार करके दिखाएं

punjabkesari.in Sunday, Mar 31, 2024 - 08:06 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीट जीतने के लक्ष्य का मखौल उड़ाया तथा उसे 200 सीट का आंकड़ा पार करने की चुनौती दी। ममता ने यह भी कहा कि वह नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को इस राज्य में लागू होने नहीं देंगी। उन्होंने लोगों को आगाह किया कि सीएए के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति विदेशी बन जाएगा।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने लोगों से इसके लिए आवेदन न करने का अनुरोध किया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ने कृष्णानगर इलाके में टीएमसी उम्मीदवार महुआ मोइत्रा के लिए चुनाव प्रचार करते हुए कहा, ‘‘भाजपा कह रही है ‘400 पार', मैं उन्हें पहले 200 सीट का आंकड़ा पार करने की चुनौती देती हूं। वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 200 से अधिक सीट लाने का आह्वान किया था, लेकिन उसे महज 77 पर रुकना पड़ा। इन 77 सीटों पर जीतने वाले कुछ लोग हमारे साथ आ गए हैं।''

भाजपा को ‘जुमला' पार्टी बताते हुए टीएमसी सुप्रीमो ने उन पर सीएए के संबंध में ‘‘झूठ फैलाने'' का आरोप लगाया और कहा, ‘‘सीएए पर मोदी की गारंटी शून्य गारंटी है।'' उन्होंने इस महीने की शुरुआत में लगी चोट के बाद पहली रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सीएए वैध नागरिकों को विदेशी बनाने का जाल है। एक बार आप सीएए लागू कर देंगे तो उसके बाद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू होगा। हम पश्चिम बंगाल में न तो सीएए और न ही राष्ट्रीय नागरिक पंजी लागू होने देंगे। केंद्र सरकार के झूठे वादे के जाल में न फंसे। अगर आप आवेदन करेंगे तो आपको पांच साल के लिए विदेशी ठहरा दिया जाएगा।'' सीएए के लागू होने से मटुआ समुदाय को सबसे अधिक फायदा मिलने की उम्मीद है।

ममता ने इस समुदाय से उन पर विश्वास करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह कभी ‘‘किसी को भी आपकी नागरिकता छीनने'' नहीं देंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मतुआ लोग, कृपया मुझ पर भरोसा रखिए। मैं किसी को भी आपकी नागरिकता छीनने नहीं दूंगी। क्या आप यह चाहते हैं या शांतिपूर्वक जीना चाहते हैं? सीएए के जरिए वे आपसे सबकुछ छीन लेंगे और आपको निरुद्ध केंद्र में रखेंगे।'' मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश)के रहने वाले मतुआ लोग हिंदुओं का एक कमजोर वर्ग है जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण विभाजन के दौरान और बांग्लादेश की स्थापना के बाद भारत में विस्थापित हुआ। नब्बे के दशक से राजनीतिक दलों को मतुआ वर्ग का समर्थन प्राप्त हुआ है जिनकी अच्छी-खासी आबादी और एकजुट होकर वोट करने की प्रवृत्ति उन्हें अल्पसंख्यक समूहों की तरह एक अहम मतदाता वर्ग बनाती है।

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के अनुसार, सरकार 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देगी। सरकार ने 13 मार्च को सीएए नियमों को अधिसूचित किया है। भाजपा के खिलाफ लड़ाई में मोइत्रा की तारीफ करते हुए ममता ने कहा, ‘‘आप लोगों (मतदाताओं) द्वारा निर्वाचित होने के बावजूद महुआ मोइत्रा को अनौपचारिक ढंग से निष्कासित किया गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें इस सीट से पुन: नामांकित किया है। महुआ को इसलिए निष्कासित किया गया क्योंकि वह संसद में भाजपा के खिलाफ सबसे मुखर नेता थीं। आप लोगों को रिकॉर्ड मतों के अंतर से उनकी जीत सुनिश्चित करनी होगी।''

ममता ने पश्चिम बंगाल में ‘‘भाजपा से हाथ मिलाने'' के लिए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के घटक दलों - मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में कोई ‘इंडिया' गठबंधन नहीं है। माकपा और कांग्रेस बंगाल में भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। मैंने यह ‘इंडिया' गठबंधन बनाया था और इसे यह नाम दिया। चुनाव के बाद हम इस पर विचार करेंगे।'' मुख्यमंत्री ने मतदाताओं से राज्य में वाम-कांग्रेस-आईएसएफ (इंडियन सेक्यूलर फ्रंट) गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए वोट न करने का अनुरोध करते हुए कहा कि उनके लिए मतदान करने का मतलब ‘‘भाजपा के लिए वोट करना है।''


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News