जयशंकर का दावा, आज भारत में जो कुछ हो रहा है उसका असर पूरी दुनिया पर

punjabkesari.in Thursday, Apr 11, 2024 - 03:48 AM (IST)

नेशनल डेस्क : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि आज भारत में होने वाले हर घटनाक्रम का असर पूरी दुनिया होता है। उन्होंने कहा कि आज का भारत आत्मविश्वास से भरा भारत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'गारंटी' पर भारत ही नहीं, बल्कि देश के बाहर भी लोगों को भरोसा है। जयशंकर बीकानेर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आयोजित प्रबुद्ध जन सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें खुद मानना चाहिए... हमें आत्मप्रशंसा करनी चाहिए कि हम जो आज हैं... सुशासन हो या चुनाव हो, भारत में जो हो रहा है, इसका असर पूरी दुनिया पर है।''

जयशंकर ने कहा,‘‘एक जमाने में लोग कहते थे कि लोकतंत्र होना अच्छी बात तो है लेकिन लोकतंत्र में कभी प्रगति नहीं होती।... हर चीज में बहुत समय लगता है, हम लोग बहस करते रहते हैं, कुछ निर्णय लेते नहीं हैं ....तो आज जो हम करके दिखा रहे हैं यह ऐसा लोकतंत्र जो परिणाम देता है। इसका महत्व आपको पहचानना होगा।'' हवाई अड्डे, मेट्रो, राजमार्ग, विश्वविद्यालय जैसे बुनियादी ढांचा क्षेत्र में गत दस साल में हुई प्रगति का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा, ‘‘इसका असर दुनिया में भी बहुत गहरा है। दुनिया भी चाहती है कि भारत बढ़ते जाए। एक-दो देशों की सोच कुछ अलग होगी पर अगर हमें इस रास्ते पर जाना है।

विकसित भारत के तरफ जाना है तो मैं कहूंगा कि हमें सबसे पहले यह निर्णय लेना है कि पिछले दस साल के काम के आधार पर हम अगले 25 साल की तैयारी कैसे करें।'' मोदी की 'गारंटी' का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक गारंटी देश के अंदर है तो दूसरी देश के बाहर। उन्होंने कहा, ‘‘आज कोई भी भारत का नागरिक हो, चाहे वह मजदूर हो, पेशेवर हो , पर्यटक हो , विद्यार्थी हो ...वह उस विश्वास के साथ भारत से बाहर जाता है कि कोई भी आपदा आयेगी तो मोदी सरकार मेरे साथ हर हालत में हर समय खड़ी रहेगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह जो विश्वास है, इसकी कीमत मैं आपको बता नहीं सकता।''

जयशंकर ने कहा कि आज का भारत यह एक आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत है। यूक्रेन-रूस युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने, ‘‘एक तो वहां से अपने विद्यार्थियों को निकालने की समस्या थी। पर उसके बाद जो बड़ी चुनौती तेल की थी। सब पश्चिमी देशों का दबाव था कि हम रूस से तेल न लें। पर हमने जो किया अपने राष्ट्रहित को केंद्र में रखते हुए किया। अगर हम नहीं करते तो आप ही सोचिए कि उस समय देश में पेट्रोल की कीमत कितनी बढ़ती ।'' उन्होंने कहा,‘‘ऐसी परिस्थितियां आती रहेंगी। कल रूस एवं तेल था। हम अनुच्छेद 370 या सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) की बात करते हैं। मैं आपको यह भी बताना चाहूंगा कि ऐसे विषयों पर भी बाकी देश हम पर दबाव डालने की कोशिश करते हैं...लेकिन वे असफल हैं। पर यह नहीं समझिए कि ऐसी कोशिश नहीं हुई थी।'

इससे पहले जयशंकर ने मीडिया से भी बात की। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता नहीं मिली, उसके लिये तत्‍कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ही जिम्मेदार है, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह कहा है। मैंने केवल कहा ही नहीं बल्कि मैंने लिखा भी है। हाल में मेरी एक किताब 'व्हाई भारत मैटर्स' आयी है और जो मैंने कहा एवं लिखा है, वह मैंने अपनी सोच से नहीं लिखा। मैं रिकॉर्ड पर जा रहा हूं कि पंडित नेहरू का (इस बारे में) एक पत्र है..।'' भारत की विदेश नीति में बदलाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,‘‘मैं आपको कह सकता हूं कि पिछले दस साल कुछ अलग ही समय रहा है। अगर आपको तुलना करनी है तो आप देखिए कि मुंबई (आतंकी हमलों) का जवाब क्या था और उरी व बालाकोट में जवाब क्या है?'' 


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News Editor

Parveen Kumar

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