कर्नाटक में भाजपा के विरोध प्रदर्शन के बीच मनाई गई टीपू जयंती

punjabkesari.in Saturday, Nov 10, 2018 - 10:11 PM (IST)

बेंगलुरूः भाजपा और दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध प्रदर्शन तथा कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति के बीच राज्य में शनिवार को टीपू जयंती मनाई गई। वहीं, इन कार्यक्रमों ने राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस – जद (एस) के बीच मतभेदों को सामने ला दिया। टीपू सुल्तान 18वीं सदी में मैसूर रियासत के शासक रहे थे। उनका जन्म दिवस राज्य में टीपू जयंती के तौर पर मनाया जा रहा है। अंग्रेजों की सेना से अपने श्रीरंगपट्टनम किले को बचाते हुए वह मई 1799 में मारे गए थे।

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भाजपा और अन्य संगठनों की धमकियों के मद्देनजर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए थे। हालांकि, बेंगलुरू में मुख्य कार्यक्रम फीका रहा। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की अनुपस्थिति में उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर विधान सौध में मुख्य कार्यक्रम का उदघाटन करने वाले थे। लेकिन परमेश्वर भी कार्यक्रम में शरीक नहीं हुए। कुमारस्वामी ने कार्यक्रम में शरीक नहीं होने के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों ने उन्हें 11 नवंबर तक आराम करने की सलाह दी है।

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बताया गया कि परमेश्वर कर्नाटक से कांग्रेस के एक वरिष्ठ एवं बीमार नेता का हालचाल जानने के लिए सिंगापुर में हैं। भाजपा और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा टीपू जयंती के खिलाफ प्रदर्शन किए जाने के चलते विधान सौध को बहुस्तरीय सुरक्षा इंतजाम के साथ किले में तब्दील कर दिया गया। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी व्यक्ति आयोजन स्थल के अंदर दवाएं, इत्र या पानी की बोतल तक नहीं ले जा सके।

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सिंचाई मंत्री डी. के. शिवकुमार, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान और विधायक रोशन बेग तथा एन ए हरीस मुख्य कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में यह आरोप लगाया गया कि भाजपा इस अवसर को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति से सत्तारूढ़ गठबंधन के अदंर मतभेद उभरने शुरू हो गए हैं। दरअसल, कांग्रेस के एक विधायक ने इसे मुस्लिम समुदाय का अपमान करार दिया है। 


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Yaspal

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