भारत के इस राज्य में नहीं है एक भी गरीब, यहां रहते हैं सब अमीर

punjabkesari.in Friday, Oct 24, 2025 - 09:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: एशिया में अमीर देशों की संख्या कम और गरीब देशों की संख्या अधिक है। भारत तेजी से आर्थिक विकास की ओर बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी कई राज्य गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। हालांकि, इस बीच एक ऐसा राज्य है, जहां अब एक भी अत्यंत गरीब परिवार नहीं रहेगा और यह राज्य बनने जा रहा है अत्यंत गरीबी मुक्त।

केरल- भारत का पहला अत्यंत गरीबी मुक्त राज्य

केरल में अब आपको एक भी गरीब नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने घोषणा की है कि 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर केरल को औपचारिक रूप से अत्यंत गरीबी मुक्त राज्य घोषित किया जाएगा। राज्य के मंत्री एमबी राजेश और वि शिवनकुट्टी ने बताया कि केरल में कुल 64,006 अत्यंत गरीब परिवारों में से अब 59,727 परिवार गरीबी मुक्त हो चुके हैं। यह सफलता कई सरकारी योजनाओं, आर्थिक सहायता और सामाजिक समर्थन का नतीजा है।

केरल में गरीबी उन्मूलन की प्रमुख योजनाएं

केरल सरकार ने इस पहल के लिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए और जरूरतमंदों को विभिन्न सुविधाओं से जोड़ा। प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

  • 21,263 लोगों को मालिकाना हक के दस्तावेज़ प्रदान किए गए।
  • 18,438 परिवारों को राशन किट और 2,210 परिवारों को पका हुआ भोजन मुहैया कराया गया।
  • 29,427 परिवारों के 85,721 लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और दवाइयां दी गई।
  • 4,394 परिवारों को आजीविका सहायता और रोजगार प्रदान किया गया।
  • 3,467 परिवारों को रोजगार गारंटी कार्ड और 2,791 परिवारों को जमीन दी गई।
  • 4,689 परिवारों को आवास उपलब्ध कराए गए।

दुनिया में केरल की अलग पहचान

नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2021 में केरल की गरीबी दर केवल 0.7% थी। इसके बाद राज्य सरकार ने विशेष माइक्रो प्लान तैयार करके हर परिवार को लक्षित सहायता और सेवाएं प्रदान कीं।

केरल के सुशासन और शिक्षा मंत्रियों के अनुसार, यह उपलब्धियां केरल को देश में पहले और दुनिया में चीन के बाद दूसरे स्थान पर ला रही हैं।

केरल सरकार के एलएसजीडी मंत्री एमबी राजेश ने बताया कि अत्यंत गरीबी उन्मूलन का मतलब यह नहीं कि भविष्य में अन्य लोगों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। सरकार अब इस कार्यक्रम को जारी रखने और अन्य लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए नई परियोजनाओं पर विचार कर रही है।


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News Editor

Parveen Kumar

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