हिमाचल में दिवाली से पहले और अमीर हुए माननीय, MLA को हर महीने मिलेंगे 2.80 लाख, CM को कितना?
punjabkesari.in Thursday, Oct 16, 2025 - 10:23 PM (IST)

नेशनल डेस्कः हिमाचल प्रदेश में दिवाली से पहले माननीयों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने मंत्रियों, विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पूर्व विधायकों के वेतन-भत्तों में 24 प्रतिशत की वृद्धि की अधिसूचना जारी कर दी है। गुरुवार को प्रदेश सरकार के विधि विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की, जिससे अब मुख्यमंत्री से लेकर विधायक तक को बढ़ा हुआ वेतन और भत्ते मिलने शुरू हो जाएंगे।
सात महीने बाद लागू हुआ कानून
इस बढ़ोतरी को लेकर विधानसभा में मार्च 2025 के बजट सत्र के दौरान तीन महत्वपूर्ण विधेयक —
हिमाचल प्रदेश मंत्रियों के वेतन एवं भत्ते संशोधन विधेयक 2025, हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष वेतन संशोधन विधेयक 2025,और हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्यों के भत्ते एवं पेंशन संशोधन विधेयक 2025 ध्वनिमत से पारित किए गए थे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की मंजूरी के बाद इन विधेयकों को अधिनियम का रूप दिया गया था, लेकिन विधानसभा सचिवालय और सामान्य प्रशासन विभाग के बीच तकनीकी औपचारिकताओं और कुछ बिंदुओं पर असहमति के चलते अधिसूचना जारी होने में देरी हुई। मंत्रियों और विधायकों के वेतन में मामूली अंतर को लेकर कुछ समय तक विवाद रहा, जिसे अब दोनों विभागों ने सुलझा लिया है।
मुख्यमंत्री और मंत्रियों का नया वेतन ढांचा
नई अधिसूचना के अनुसार मुख्यमंत्री का कुल वेतन और भत्ता अब ₹3.50 लाख प्रति माह होगा, जो पहले ₹2.65 लाख था। विधानसभा अध्यक्ष को ₹3.45 लाख, उपाध्यक्ष को ₹3.40 लाख, और कैबिनेट मंत्रियों को ₹3.10 लाख मासिक वेतन मिलेगा। इसके अलावा मंत्रियों को ₹1.50 लाख प्रतिमाह का प्रतिनिधिक व्यय (सत्कार भत्ता) भी मिलेगा।
विधायकों की जेब भी हुई भारी
अब विधायकों का मासिक वेतन ₹2.10 लाख से बढ़कर ₹2.80 लाख हो गया है।
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बेसिक वेतन ₹55,000 से बढ़ाकर ₹70,000 किया गया है।
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विधानसभा क्षेत्र भत्ता ₹90,000 से बढ़ाकर ₹1.20 लाख किया गया है।
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कार्यालय भत्ता ₹30,000 से बढ़ाकर ₹90,000 कर दिया गया है।
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प्रतिपूरक भत्ता फिलहाल ₹5,000 ही रहेगा।
विधानसभा की बैठक में उपस्थित रहने पर मिलने वाला भत्ता भी ₹1,800 से बढ़ाकर ₹2,500 किया गया है।
पूर्व विधायकों की पेंशन में 24% वृद्धि
पूर्व विधायकों को भी बढ़ोतरी का लाभ मिला है। उनकी पेंशन में 24 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। अब उन्हें ₹1.29 लाख रुपये मासिक पेंशन मिलेगी, जो पहले ₹93,240 थी। सरकार ने बेसिक पेंशन को ₹36,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया है, जिसमें 169 प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA) शामिल किया गया है। अब हर पांच वर्ष में पेंशन महंगाई सूचकांक के अनुसार स्वचालित रूप से बढ़ेगी।
किन भत्तों में हुई कटौती
हालांकि वेतन-भत्तों में वृद्धि के साथ सरकार ने कुछ विशेष भत्ते समाप्त कर दिए हैं।
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टेलीफोन भत्ते के ₹15,000 के अलावा बिजली और पानी बिल भत्ता अब नहीं दिया जाएगा।
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इन बिलों का भुगतान अब विधायकों को खुद करना होगा।
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पूर्व विधायकों का टेलीफोन भत्ता भी समाप्त कर दिया गया है।
राज्य पर कितना पड़ेगा वित्तीय बोझ?
इस वेतन वृद्धि से हिमाचल प्रदेश सरकार पर सालाना लगभग ₹20 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। हालांकि, सरकार का तर्क है कि बढ़ा हुआ वेतन महंगाई दर और बढ़ती जीवन लागत के अनुरूप है, जबकि कुछ अनावश्यक भत्ते समाप्त करके वित्तीय अनुशासन बनाए रखने का प्रयास किया गया है।
दिवाली से पहले मिला तोहफा
सरकार ने यह अधिसूचना ऐसे समय में जारी की है जब राज्य के अस्थायी और आउटसोर्स कर्मचारियों को भी दिवाली से पहले वेतन और मानदेय जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे न केवल सरकारी तंत्र बल्कि राजनीतिक वर्ग के लिए भी यह त्योहार खुशियों भरा रहेगा।