सरकारी रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, 7 साल में भारतीय नागरिकों की सैलरी में महज इतनी हुई बढ़ोतरी

punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 05:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क : हाल ही में जारी सरकारी रिपोर्ट में देश के आम लोगों की आमदनी और खर्चों का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सात सालों में कर्मचारियों की औसत सैलरी बढ़ी है, लेकिन महंगाई के मुकाबले इसका असर बहुत कम दिखा।

  • जुलाई-सितंबर 2017 में औसत मासिक सैलरी ₹16,538 थी।
  • अप्रैल-जून 2024 में यह बढ़कर ₹21,103 हो गई।
  • कुल बढ़ोतरी: ₹4,565, यानी लगभग 27.6%।

दिहाड़ी मजदूरों की रोज़ाना कमाई ₹294 से बढ़कर ₹433 हो गई है। प्रतिशत में बढ़ोतरी सही लगती है, लेकिन महंगाई के चलते इसका असर आम आदमी की जेब पर कम ही दिख रहा है।

बेरोजगारी दर में सुधार

रिपोर्ट में बेरोजगारी दर में गिरावट भी दिखाई गई है:

  • 2017-18 में बेरोजगारी दर 6% थी, अब 3.2% रह गई।
  • युवाओं की बेरोजगारी 17.8% से घटकर 10.2% हो गई।
  • पुरुषों की बेरोजगारी अगस्त 2025 तक 5% तक आ गई है।

हालांकि रोजगार बढ़ा है, लेकिन सैलरी की गुणवत्ता महंगाई के मुकाबले अभी भी कम पड़ रही है।

EPFO आंकड़े और सामाजिक सुरक्षा

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के आंकड़े भी रोजगार बढ़ने का संकेत देते हैं।

  • वित्त वर्ष 2024-25 में 1.29 करोड़ नए सदस्य जुड़े।
  • सितंबर 2017 से अब तक कुल 7.73 करोड़ नए सदस्य जुड़े।
  • जुलाई 2025 में ही 21.04 लाख नए लोग EPFO में शामिल हुए, जिनमें 60% युवा (18-25 साल) हैं।

इससे साफ़ पता चलता है कि लोगों में नौकरी और सामाजिक सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ रही है।

स्वरोजगार की ओर रुझान

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि लोग स्वरोजगार और छोटे व्यवसाय की ओर बढ़ रहे हैं।

  • 2017-18 में स्वरोजगार करने वालों का हिस्सा 52.2%, अब बढ़कर 58.4%।
  • कैजुअल लेबर की संख्या घटकर 19.8% रह गई।

इसका मतलब है कि कई लोग स्थिर नौकरी की कमी के कारण खुद का काम शुरू कर रहे हैं, जो अच्छा संकेत है। लेकिन अच्छी और स्थिर नौकरी मिलना अब भी चुनौती बना हुआ है।


 


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Content Editor

Mehak

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