शहर काजी को बग्घी पर बैठाकर ईदगाह तक लाता है यह हिंदू परिवार, 50 साल से निभाई जा रही अनूठी परंपरा

punjabkesari.in Thursday, Apr 11, 2024 - 02:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश के इंदौर में ईद-उल-फितर पर सांप्रदायिक सद्भाव की 50 साल पुरानी परंपरा बृहस्पतिवार को निभाई गई। इस अनूठी रिवायत के तहत एक हिंदू परिवार शहर काजी को पूरे सम्मान के साथ घोड़े द्वारा खींची जाने वाली बग्घी पर बैठाकर मुख्य ईदगाह ले गया जहां त्योहारी उल्लास के बीच बड़ी तादाद में लोगों ने नमाज पढ़ी। इस अनूठी रिवायत का गवाह बनने वाले लोगों ने बताया कि सत्यनारायण सलवाड़िया, शहर काजी मोहम्मद इशरत अली को उनके राजमोहल्ला स्थित घर से बग्घी पर बैठाकर सदर बाजार में मुख्य ईदगाह ले गए और सामूहिक नमाज के बाद उन्हें वापस उनके घर छोड़ा।

हिंदुओं और मुस्लिमों में भाईचारा बना रहे
सलवाड़िया ने बताया कि उनके पिता रामचंद्र सलवाड़िया ने ईद की यह रिवायत उनके जीते जी निभाई और वर्ष 2017 में पिता के निधन के बाद वह इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मेरे बाद मेरी संतानें भी इस परंपरा को निभाती रहेंगी ताकि हिंदुओं और मुस्लिमों में एकता और भाईचारा बना रहे और वे मिल-जुलकर एक-दूसरे के साथ त्योहार मनाते रहें।"

हिंदू परिवार 50 साल से निभा रहा अनूठी परंपरा
शहर काजी मोहम्मद इशरत अली ने कहा कि ईद की यह रिवायत गंगा-जमुनी तहजीब की अनोखी मिसाल है। उन्होंने कहा, "अगर आप सियासी चश्मे से देखेंगे, तो आपको हिंदू-मुस्लिम लड़ते दिखाई देंगे, लेकिन सामाजिक चश्मे से देखने पर आपको दोनों समुदाय ठीक उसी तरह सांप्रदायिक सद्भाव दिखाते नजर आएंगे, जिस तरह सलवाड़िया परिवार पिछले 50 साल से ईद की परंपरा का निर्वाह कर रहा है।"


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Content Editor

rajesh kumar

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