ZyCoV-D वैक्सीन लगाने से नहीं होगा दर्द, जानिए बच्चों के लिए आया पहला टीका बाकियों से क्यों है अलग
punjabkesari.in Saturday, Aug 21, 2021 - 08:16 AM (IST)

नेशनल डेस्क: तीसरी लहर के डर के बीच देश को कोरोना से लड़ने का एक और हथियार मिल गया है। जाइडस कैडिला के स्वदेश में विकसित कोविड-19 रोधी टीके को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मंजूरी दे दी है। यानी कि अब देश में 12 से 18 आयुवर्ग के बच्चों को भी वैक्सीन लगाई जा सकेगी। यह भारत में उपलब्ध होने वाली चौथी और मंजूरी पाने वाली छटवी वैक्सीन है। अब तक भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और रूस की स्पुतनिक-V इस्तेमाल हो रही हैं। Zycov D को लेकर पूरी जानकारी यहां:-
- जायकोव-डी एक निडिल फ्री वैक्सीन है।
- ये जेट इंजेक्टर से लगेगी।
- ऐसे में दर्द न के बराबर होगा।
- इससे वैक्सीन को हाई प्रेशर से लोगों की स्किन में इंजेक्ट किया जाता है।
- जेट इंजेक्टर में प्रेशर के लिए कंप्रेस्ड गैस या स्प्रिंग का इस्तेमाल होता है।
- इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है।
कब हुआ जेट इंजेक्टर का आविष्कार
- इस डिवाइस का आविष्कार 1960 में हुआ था।
- WHO ने 2013 में इसके इस्तेमाल की अनुमति दी थी।
- 2014 से जेट इंजेक्टर अमेरिका में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है।
- यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कुछ देशों में भी इसका इस्तेमाल होता है।
हर डोज के बीच में 4 हफ्ते का अंतर
- जायकोव-डी का दूसरा डोज पहले डोज के 28 दिन बाद लगाया जाएगा।
- तीसरा डोज पहले डोज के 56 दिन बाद लगेगा।
- यानी, हर डोज में 4-4 हफ्ते का अंतर रहेगा।
- तीसरे फेज के ट्रायल के लिए 28 हजार से ज्यादा लोगों को किया गया इनरोल
- इसमें 12 से 18 साल तक के बच्चे भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस टीके को मंजूरी मिलने पर ट्वीट कर लिखा कि ‘भारत पूरी ताकत के साथ कोविड-19 से मुकाबला कर रहा है। विश्व के पहले डीएनए आधारित जाइडस केडिला के जाइकोव-डी टीके को मिली मंजूरी भारत के वैज्ञानिकों के नवोन्मेषी उत्साह का प्रमाण है। इससे पहले देश में पांच टीकों को मंजूरी मिली है। इनमें सीरम इस्टीट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, रूस का स्पूतनिक वी, तथा अमेरिका का मॉडर्ना एवं जॉनसन एंड जॉनसन का टीका शामिल है।