Income Tax System में हो सकता है बड़ा बदलाव, ओल्ड टैक्स सिस्टम का हो सकता है The End?

punjabkesari.in Saturday, Feb 01, 2025 - 10:39 AM (IST)

नेशनल डेस्क: मोदी सरकार ने अब तक कई बड़े आर्थिक सुधार किए हैं, जिनमें एक प्रमुख सुधार GST (वस्तु एवं सेवा कर) का था। इससे पहले कई बार जीएसटी लागू करने की बात होती रही थी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे लागू कर दिखाया। इसी तरह अब आयकर प्रणाली में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। बजट 2025 में सरकार ओल्ड टैक्स सिस्टम (पुराना टैक्स सिस्टम) को खत्म करके न्यू टैक्स रिजीम को और भी प्रभावी और आकर्षक बना सकती है।

न्यू टैक्स रिजीम की बढ़ती लोकप्रियता
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 में यह घोषणा की थी कि सरकार आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा करने जा रही है। इस समय देश में 65% से अधिक करदाता न्यू टैक्स रिजीम को अपना चुके हैं। पहले इस सिस्टम को लेकर संकोच था, लेकिन सरकार ने इसे पहले से अधिक आकर्षक और सरल बना दिया है, जिससे लोगों ने इसे अपनाना शुरू कर दिया है। 

ओल्ड टैक्स सिस्टम की स्थिति
ओल्ड टैक्स सिस्टम में अभी तक कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। इसके मुकाबले न्यू टैक्स सिस्टम को लागू करते हुए कई बदलाव किए गए हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) का बढ़ाया जाना। 2024 में इसे ₹75,000 तक कर दिया गया था, जबकि ओल्ड टैक्स सिस्टम में यह लिमिट ₹50,000 ही बनी हुई है। इसके अलावा, न्यू टैक्स सिस्टम में टैक्स स्लैब में भी बदलाव किए गए हैं, जिससे करदाताओं को राहत मिली है। 

प्रधानमंत्री मोदी के संकेत
बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बजट देश में नया विश्वास पैदा करेगा और यह गरीब और मध्यवर्गीय वर्ग के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज की रीढ़ हैं और उनके लिए बजट में कुछ खास घोषणाएं हो सकती हैं, जिससे देश में समानता का संदेश जाएगा। प्रधानमंत्री का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि बजट में कुछ बड़े कदम महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए जा सकते हैं।

न्यू टैक्स रिजीम में और भी बदलाव हो सकते हैं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इस बार न्यू टैक्स रिजीम को और भी आकर्षक बनाने के लिए कुछ बदलाव कर सकती है। उदाहरण के तौर पर, स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को ₹75,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 तक किया जा सकता है। इसके अलावा, 20% टैक्स स्लैब की सीमा ₹12-15 लाख तक बढ़ाई जा सकती है और इसे ₹12-20 लाख तक किया जा सकता है। इससे 15-20 लाख रुपये तक की आय वाले टैक्सपेयर्स को फायदा होगा और ओल्ड टैक्स सिस्टम के मुकाबले न्यू टैक्स रिजीम और भी आकर्षक बन जाएगा। 

क्या ओल्ड टैक्स सिस्टम का होगा अंत?
एक संभावना यह भी है कि सरकार ओल्ड टैक्स सिस्टम को पूरी तरह से खत्म कर दे। वर्तमान में ओल्ड टैक्स सिस्टम में 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% आयकर लिया जाता है, जबकि न्यू टैक्स सिस्टम में यह स्लैब 15 लाख रुपये से अधिक आय पर लागू है। अगर सरकार न्यू टैक्स रिजीम में 30% टैक्स स्लैब को ₹20 लाख से अधिक आय पर लागू करती है, तो इससे टैक्सपेयर्स के पास अधिक धन रहेगा, जिसका वे खर्च कर सकते हैं, और इससे इकोनॉमी में डिमांड बढ़ेगी। यदि सरकार का उद्देश्य यह है कि 80% से अधिक लोग न्यू टैक्स रिजीम को अपनाएं, तो ओल्ड टैक्स सिस्टम को खत्म करने का निर्णय लिया जा सकता है। इस कदम से सरकार टैक्स प्रणाली को सरल और एकीकृत बना सकती है, जैसा कि जीएसटी के लागू होने के बाद हुआ था। 

नया आयकर कानून: क्या हो सकते हैं बदलाव?
सरकार आयकर कानून को भी नए तरीके से पेश करने पर विचार कर रही है। इसके लिए एक नया कानून पेश किया जा सकता है, जिसमें मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 में कई सुधार किए जाएंगे। इसके तहत निम्नलिखित बदलाव हो सकते हैं:

1. आसान और सरल भाषा: नया आयकर कानून आम आदमी के लिए सरल और समझने योग्य होगा।
2. अनावश्यक प्रावधानों का हटाया जाना: पुराने और अप्रचलित प्रावधानों को हटाया जाएगा, जिससे करदाताओं के लिए प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी।
3. टैक्स विवादों में कमी: नए कानून में कर विवादों को कम करने के उपाय किए जाएंगे।
4. अनुपालन को सरल बनाना: टैक्सपेयर्स के लिए अनुपालन की प्रक्रिया को और आसान बनाया जाएगा।
5. सुझावों का संग्रह: इस नए कानून के मसौदे पर विधि मंत्रालय ने 6,500 सुझाव प्राप्त किए हैं, जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है। 

इसके अलावा, यदि सेक्शन 80C के तहत कटौती की सीमा बढ़ाई जाती है, तो यह भी करदाताओं को राहत दे सकता है। इस समय यह सीमा ₹1.5 लाख है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसे ₹2 लाख तक बढ़ाया जा सकता है। बजट 2025 में आयकर प्रणाली में बड़ा बदलाव हो सकता है। सरकार की योजना है कि अधिक से अधिक लोग न्यू टैक्स रिजीम को अपनाएं, और इसके बाद ओल्ड टैक्स सिस्टम को समाप्त किया जा सकता है। इस बदलाव से टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी और भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इस कदम को उसी तरह स्वीकार किया जा सकता है, जैसे जीएसटी के लागू होने के बाद देश की पुरानी टैक्स व्यवस्था को भूल गए थे। 


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Content Editor

Mahima

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