SIP से बेहतर है SWP? एक बार निवेश करें और घर बैठे हर महीने करें पैसे की बारिश!

punjabkesari.in Tuesday, Jul 01, 2025 - 11:25 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान या SWP म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक खास सुविधा है, जिससे वे अपने निवेश से हर महीने या तय समय पर नियमित आय हासिल कर सकते हैं। इसमें निवेशक अपने म्यूचुअल फंड से एक तय रकम निकाल सकते हैं, जो उनकी बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो जाती है। यह सुविधा निवेशकों को एक बार निवेश करने के बाद बिना किसी परेशानी के रेगुलर पैसा मिलने का भरोसा देती है।

SIP और SWP में क्या अंतर है?

SIP (Systematic Investment Plan) में आप हर महीने एक निश्चित राशि अपने बैंक खाते से निकालकर म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। जबकि SWP में आपकी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स बेची जाती हैं और आपको उस राशि का भुगतान बैंक खाते में होता है। मतलब SIP में निवेश बढ़ता है, जबकि SWP में निवेश से पैसे निकाले जाते हैं।

SWP के फायदे

  • रेगुलर इनकम: SWP आपको हर महीने या तिमाही निश्चित रकम की नियमित आय देता है।

  • फ्लेक्सिबिलिटी: आप खुद तय कर सकते हैं कि कितनी रकम निकालनी है और कितनी अवधि तक निकालनी है।

  • टैक्स बेनिफिट: खासकर सीनियर सिटीजन के लिए SWP पर टैक्स की छूट होती है, जिससे उन्हें अधिक फायदा होता है।

  • पूंजी संरक्षण: सही फंड का चुनाव करने पर आपकी पूंजी भी सुरक्षित रहती है।

  • घर बैठे इनकम: आपको बार-बार म्यूचुअल फंड के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती।

SWP कैसे शुरू करें?

आप किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने के बाद SWP का विकल्प चुन सकते हैं। इसके लिए आपको फोलियो नंबर, निकासी राशि, निकासी की आवृत्ति (मासिक, तिमाही), तारीख और बैंक विवरण AMC को देने होते हैं। इसके बाद आपकी चुनी गई तारीख पर राशि आपके बैंक खाते में आ जाती है।

कौन से फंड में SWP करें?

सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान में निवेश के लिए डेट फंड और लिक्विड फंड बेहतर माने जाते हैं।

  • इक्विटी फंड से SWP करने से बचना चाहिए क्योंकि बाजार गिरने पर ज्यादा यूनिट्स बेचना पड़ता है, जिससे निवेश जल्दी खत्म हो सकता है।

  • डेट फंड में निवेश सुरक्षित रहता है और स्थिर रिटर्न मिलता है।

  • आप जितनी रकम निकालना चाहते हैं, उतनी पूंजी डेट फंड में रखें, अतिरिक्त रकम को हाइब्रिड फंड में लगा सकते हैं।

SWP कब फायदेमंद होता है?

  • जब आपको नियमित मासिक आय की जरूरत हो।

  • रिटायरमेंट के बाद खर्चों को पूरा करने के लिए।

  • सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स की बचत के लिए।

  • जब आप अपने निवेश की पूंजी को धीरे-धीरे खर्च करना चाहते हों।

  • महंगाई को मात देने और निवेश को मार्केट में बनाए रखने के लिए।

SWP के दौरान टैक्स का ध्यान रखें

  • हर विड्रॉल को रीडम्पशन माना जाता है और उस पर कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ता है।

  • इक्विटी में 1 साल से कम पर Short Term Capital Gains (STCG) टैक्स लगता है।

  • डेट फंड में 3 साल से कम पर STCG लागू होता है।

  • 1 लाख रुपये से अधिक मुनाफे पर टैक्स देना पड़ता है।
    इसलिए SWP करते समय टैक्स नियमों को समझना जरूरी है ताकि अनावश्यक टैक्स बोझ से बचा जा सके।

SWP में निवेश के लिए जरूरी बातें

  • अपने SWP की राशि, निकासी की तारीख और अवधि तय करें।

  • सुनिश्चित करें कि आपके म्यूचुअल फंड में पर्याप्त यूनिट्स हों ताकि SWP खत्म न हो जाए।

  • बाज़ार की स्थिति के अनुसार फंड का चुनाव करें।

  • निवेश की अवधि और जरूरत के हिसाब से सही योजना बनाएं।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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