गर्मियों में अंधेरे में डूब जाएगा पूरा देश! गहरा सकता है बिजली..., सामने आई NLDC की रिपोर्ट
punjabkesari.in Tuesday, Apr 08, 2025 - 06:36 PM (IST)

नेशनल डेस्क : अभी अप्रैल की शुरुआत ही है और देश के कई हिस्सों, खासकर दिल्ली में तापमान 38 से 40 डिग्री तक पहुंच चुका है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि मई और जून में भीषण गर्मी पड़ सकती है और पारा 45 डिग्री से भी ऊपर जा सकता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है – क्या गर्मी में लोगों को जरूरी बिजली मिल पाएगी?
बिजली की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी
- नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (NLDC) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार गर्मियों में बिजली की मांग पिछले साल से 15-20 गीगावाट ज्यादा हो सकती है।
- पिछले साल गर्मियों में पीक टाइम पर बिजली की डिमांड 250 गीगावाट (2.5 लाख मेगावाट) थी, जो इस बार 270 गीगावाट तक जा सकती है।
मई में सबसे बड़ी चुनौती
- रिपोर्ट में कहा गया है कि मई के महीने में इतनी ज्यादा बिजली मांग को पूरा करना बहुत मुश्किल होगा।
- कुछ बिजली ग्रिड ऑपरेटरों ने ऊर्जा मंत्रालय को बताया है कि मई और जून में पावर कट यानी बिजली कटौती का खतरा है।
24 गीगावाट की कमी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 5 अप्रैल तक देश में कुल 246 गीगावाट बिजली उपलब्ध थी, जबकि जरूरत 270 गीगावाट तक हो सकती है। यानी अभी भी 24 गीगावाट बिजली की कमी है।
NLDC ने क्या सलाह दी?
NLDC ने कहा है कि ज्यादा डिमांड और सौर ऊर्जा (सोलर पावर) में उतार-चढ़ाव की वजह से सप्लाई में दिक्कत आ सकती है। इसलिए उन्होंने सुझाव दिया है कि फैक्ट्रियों और दफ्तरों में बिजली का इस्तेमाल पीक समय (शाम-सुबह) की बजाय गैर-पीक समय (दिन में) किया जाए, ताकि ग्रिड पर दबाव कम हो सके।
कोयले की स्थिति
सरकार ने बताया है कि देश के सभी थर्मल पावर प्लांट्स में फिलहाल पर्याप्त कोयला स्टॉक मौजूद है। लेकिन फिर भी "नॉन-सोलर ऑवर्स" यानी सुबह और शाम के समय बिजली की सप्लाई में दिक्कत आ सकती है, क्योंकि इन समयों में सोलर पावर उपलब्ध नहीं होता।