पाकिस्तान नहीं ये देश है भारत का सबसे बड़ा दुश्मन...अमेरिका की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
punjabkesari.in Monday, May 26, 2025 - 12:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान को लेकर दशकों से केंद्रित रही भारत की विदेश और रक्षा नीति अब एक नए मोड़ पर है। अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अब अपनी रणनीतिक प्राथमिकताएं बदल दी हैं और चीन को अपना मुख्य राजनीतिक और सैन्य प्रतिद्वंद्वी मान लिया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान अब सिर्फ एक "सहायक खतरा" (Ancillary Threat) के तौर पर देखा जा रहा है।
रणनीति में बदलाव: वैश्विक नेतृत्व और चीन से टक्कर
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा नीति अब केवल सुरक्षा सुनिश्चित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद भारत को वैश्विक शक्ति संतुलन में अहम भूमिका दिलाना है। रक्षा क्षेत्र में भारत का फोकस अब मजबूत सैन्य क्षमता, वैश्विक नेतृत्व की भूमिका, और चीन के प्रभाव को संतुलित करने पर है।
DIA ने अपनी रिपोर्ट में मई 2025 के दौरान भारत-पाक टकराव और पहलगाम आतंकी हमले जैसी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा है कि पाकिस्तान भले ही क्षेत्रीय अस्थिरता का कारक बना हुआ है, लेकिन भारत की दीर्घकालिक तैयारी चीन को लेकर है।
भारत-चीन सीमा विवाद: केवल विराम, समाधान नहीं
लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चला आ रहा है। रिपोर्ट में उल्लेख है कि अक्टूबर 2024 में दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट पर सहमति भले बनी हो, लेकिन यह संघर्ष का अंत नहीं, सिर्फ एक रणनीतिक विराम है। भारत अब इस विवाद के स्थायी समाधान की बजाय अपनी सुरक्षा क्षमता और जवाबी तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
‘मेक इन इंडिया’ और इंडो-पैसिफिक में बढ़ता प्रभाव
भारत की सैन्य रणनीति में आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी जा रही है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत रक्षा उपकरणों के निर्माण में तेजी लाई जा रही है ताकि विदेशों पर निर्भरता कम हो सके। इसके साथ ही भारत ने हिंद महासागर और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी मौजूदगी मजबूत करनी शुरू कर दी है।
क्षेत्रीय साझेदारियों के जरिए चीन को संतुलन
भारत QUAD, ASEAN और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर अपनी सक्रियता बढ़ाकर चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की रणनीति पर काम कर रहा है। सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण, हथियारों की बिक्री और खुफिया जानकारी साझा करने जैसे उपाय भारत को क्षेत्रीय शक्ति के रूप में उभारने में मदद कर रहे हैं।