विद्युत कंपनियों को लगा बड़ा झटका! देशभर में बिजली हुई फ्री जैसी, जानिए 25 मई को आखिर क्या हुआ था?

punjabkesari.in Tuesday, Jun 03, 2025 - 12:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में 25 मई 2025 को बिजली बाजार में एक ऐतिहासिक घटना घटी। इस दिन पावर एक्सचेंज पर स्पॉट बिजली की कीमतें पहली बार शून्य पर पहुंच गईं। यानी बिजली लगभग मुफ़्त में बिक रही थी। सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक कई घंटों तक बिजली की दरें सिर्फ़ 11 पैसे प्रति किलोवाट-घंटे रहीं। ये स्थिति इसलिए बनी क्योंकि उस दिन सौर ऊर्जा का उत्पादन बहुत ज़्यादा हुआ और वीकेंड यानी सप्ताहांत होने की वजह से मांग काफी कम थी।

ब्रोकरेज कंपनी IIFL कैपिटल ने पहले ही इस हालात की चेतावनी दी थी। उन्होंने इसे "सोलर मैक्स" का खतरा बताया था, जहां दिन में सूरज की रोशनी से बहुत ज्यादा बिजली पैदा होती है और ग्रिड उसे पूरी तरह संभाल नहीं पाता। नतीजा ये होता है कि सौर ऊर्जा को कट (रोका) करना पड़ता है ताकि ग्रिड न डगमगाए। IIFL के मुताबिक इस दिन करीब 18 गीगावाट सौर उत्पादन को रोका गया, जो देश की कुल सौर क्षमता का लगभग 20% है।

यह घटना साफ तौर पर दिखाती है कि भारत की बिजली ग्रिड प्रणाली सौर ऊर्जा के तेज़ी से बढ़ते उत्पादन के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रही है। यह स्थिति न केवल बिजली की कीमतों को प्रभावित कर रही है बल्कि सौर ऊर्जा से जुड़े भविष्य के निवेश और परियोजनाओं पर भी असर डाल सकती है। वितरण कंपनियां यानी डिस्कॉम तब तक नए बिजली खरीद समझौते (PPA) नहीं करेंगी जब तक उन्हें मांग बढ़ती नहीं दिखेगी।

कौन हारे कौन जीते?

IIFL का कहना है कि यह स्थिति व्यापारी बिजली कंपनियों के लिए नुकसानदायक है क्योंकि जैसे-जैसे बैटरी भंडारण की लागत घटेगी वैसे-वैसे बाजार में व्यापारिक बिजली की कीमतें सीमित हो जाएंगी। वहीं दूसरी ओर, ऐसी कंपनियां जो सौर अस्थिरता से कम प्रभावित हैं या जिनके पास बिजली को स्टोर करने की तकनीक है, वे आने वाले समय में मुनाफे में रहेंगी।
IIFL ने इन कंपनियों को निवेश के लिए बेहतर बताया है:

  • NTPC – (टारगेट प्राइस ₹405)

  • Power Grid Corporation – (टारगेट ₹365)

  • NHPC और SJVN – (हाइड्रो आधारित कंपनियां, रेटिंग नहीं लेकिन स्थिर)

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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