देश का पहला बुलेट ट्रेन स्टेशन तैयार, 2029 से दौड़ेगी सुपरफास्ट ट्रेन, सामने आया Video
punjabkesari.in Saturday, May 24, 2025 - 12:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना अब नई ऊँचाइयों पर पहुंच चुकी है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 300 किलोमीटर लंबा वायाडक्ट लगभग पूरा हो चुका है, जिससे यह प्रोजेक्ट अपनी मंजिल के और करीब आ गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और गुजरात के राज्य परिवहन मंत्री ने हाल ही में इस बड़ी उपलब्धि की जानकारी फोटो और वीडियो के साथ साझा की है। यह बुलेट ट्रेन का पहला स्टेशन गुजरात के सूरत शहर में बनाया गया है।
बुलेट ट्रेन के लिए 300 किलोमीटर का मजबूत वायाडक्ट तैयार
मुंबई से अहमदाबाद तक बुलेट ट्रेन का मार्ग करीब 500 किलोमीटर का होगा। अब तक इस मार्ग पर 300 किलोमीटर लंबा वायाडक्ट तैयार हो चुका है। वायाडक्ट एक ऊँचा पुल जैसा ढांचा होता है जो ट्रेन को सड़क, नदियों और अन्य बाधाओं के ऊपर से गुज़रने में मदद करता है। इस 300 किलोमीटर में से 257.4 किलोमीटर का निर्माण फुल स्पैन लॉचिंग तकनीक से किया गया है, जो एक आधुनिक और तेज़ तरीका है। यह तकनीक पारंपरिक तरीकों की तुलना में 10 गुना तेजी से काम करती है। इस विधि से गर्डर (लंबे लोहे या कंक्रीट के टुकड़े) को सीधे उसके स्थान पर स्थापित किया जाता है। हर एक गर्डर लगभग 970 टन वजन का होता है। इस वजह से काम तेजी से पूरा हो पा रहा है।
300 km viaduct completed.
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) May 20, 2025
— Bullet Train Project pic.twitter.com/dPP25lU2Gy
अब तक का काम कितना हुआ पूरा?
इस बड़े प्रोजेक्ट में अब तक:
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383 किलोमीटर पियर्स (उठाए गए खंभे)
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401 किलोमीटर फाउंडेशन (नींव)
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326 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग (गर्डर बनाने का काम)
पूरा किया जा चुका है। इसके अलावा कई नदी पुल, स्टील और पीएससी ब्रिज, और स्टेशन बिल्डिंग भी बनाए जा चुके हैं। इस बुलेट ट्रेन के रास्ते में कुल 12 स्टेशन बन रहे हैं, जिनमें से सूरत में देश का पहला बुलेट ट्रेन स्टेशन लगभग तैयार है।
गुजरात में बिछा दिया गया ट्रैक बेड
गुजरात के लगभग 157 किलोमीटर हिस्से में ट्रेन के लिए ट्रैक बेड (रेल पटरी के नीचे की सतह) बिछा दिया गया है। ये एक बड़ा संकेत है कि ट्रेन के ट्रायल रन की तैयारी हो रही है। उम्मीद है कि अगले साल यानी 2026 में ट्रायल रन शुरू हो सकता है।
2029 तक ट्रेन शुरू होने की उम्मीद
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि पूरी बुलेट ट्रेन सेवा 2029 तक शुरू हो जाएगी। इसके बाद मुंबई से अहमदाबाद तक की यात्रा केवल 2 से 3 घंटे में पूरी हो सकेगी, जो अभी कई घंटों तक लगती है। यह भारत की यात्रा की दुनिया में एक बड़ी क्रांति होगी। इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह है कि इसके लिए जरूरी उपकरण और मशीनरी भारत में ही बनाए जा रहे हैं। लॉन्चिंग गैंट्री, ब्रिज गैंट्री, और गर्डर ट्रांसपोर्टर्स जैसे भारी मशीनें देश में ही निर्मित की जा रही हैं। इससे भारत की आत्मनिर्भरता और टेक्नोलॉजी में भी मजबूती आई है। बुलेट ट्रेन के वायाडक्ट के दोनों ओर कुल 3 लाख से ज्यादा नॉइज़ बैरियर लगाए जा रहे हैं। ये बैरियर ट्रेन के तेज आवाज को कम करते हैं जिससे आसपास के इलाके शांति से रह सकें। महाराष्ट्र और गुजरात दोनों में बुलेट ट्रेन के लिए विशेष डिपो भी बन रहे हैं जहां ट्रेन का रखरखाव और मरम्मत होगी। इसके अलावा जापान से शिंकासेन ट्रेन के कोच आने की उम्मीद है। अगर सब ठीक रहा तो अगस्त 2026 तक सूरत से बिलीमोरा के बीच ट्रेन चलाने की योजना है।
क्या खास है फुल स्पैन लॉचिंग तकनीक?
फुल स्पैन लॉचिंग तकनीक एक ऐसी नई विधि है जिससे पुल के गर्डर को बड़े पैमाने पर और तेज़ी से स्थापित किया जा सकता है। इस तकनीक से निर्माण की गति बढ़ जाती है, जिससे समय और लागत दोनों बचती हैं। भारत में पहली बार इस तकनीक का इतना बड़ा उपयोग किया जा रहा है।