उन्नाव गैंगरेप केस: पीड़िता और परिवार ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया
punjabkesari.in Monday, Dec 29, 2025 - 01:06 AM (IST)
नेशनल डेस्क: उन्नाव के 2017 के दुष्कर्म मामले की पीड़िता, उसके परिवार और कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निलंबित किए जाने के खिलाफ रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। अधिकारियों से सख्त जवाबदेही की मांग करते हुए, विरोध प्रदर्शन के दौरान मौजूद पीड़िता ने कहा कि उनके परिवार को और सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री से हमें सुरक्षा देने का अनुरोध कर रही हूं। ये लोग शक्तिशाली हैं। कृपया अपनी बेटी को बचाएं। मेरे पति को नौकरी से निकाल दिया गया था। हम बेरोजगार हैं, हम कहां जाएंगे?" प्रदर्शनकारियों ने दोषी के प्रति दिखाई गई कथित अनुचित नरमी के खिलाफ नारे लगाए और तर्क दिया कि अब तक की गई कार्रवाई सार्वजनिक उम्मीदों से कम रही है। पीड़िता की मां ने कहा कि उन्हें उच्चतम न्यायालय पर भरोसा है और उम्मीद है कि इस मामले में न्याय मिलेगा।
उन्होंने कहा, "हमें पीटा गया, हमारे रिश्तेदारों को पीटा गया, हमारे रिश्तेदारों के खिलाफ फर्जी मामले दर्ज किए गए। मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि उसे (सेंगर को) रिहा न किया जाए।" दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 दिसंबर को सेंगर की अपील लंबित रहने तक उसकी जेल की सजा निलंबित कर दी थी और उसे सशर्त जमानत दे दी थी। अदालत ने कहा था कि वह सात साल और पांच महीने की जेल काट चुका है। हालांकि, वह जेल में ही रहेगा, क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में भी 10 साल की सजा काट रहा है और उस मामले में उसे जमानत नहीं मिली है। उच्चतम न्यायालय सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करने वाला है।
वाद सूची के अनुसार, भारत के प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की तीन न्यायाधीशों की अवकाशकालीन पीठ इस मामले की सुनवाई कर सकती है। ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन एसोसिएशन (एआईपीडब्ल्यूए) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) के प्रदर्शनकारी भी रविवार को विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और दावा किया कि इस मामले ने आपराधिक प्रकरणों में राजनीतिक शक्ति के प्रभाव को उजागर कर दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि जिम्मेदारी में किसी भी तरह की कमी से न्याय प्रणाली में विश्वास कम होगा।
आईसा ने एक बयान में कहा, "उच्चतम न्यायालय को जंतर-मंतर की गूंज पर ध्यान देना चाहिए कि कुलदीप सिंह सेंगर जेल में ही रहने के लायक है और उसे पीड़िता तथा उनके परिवार के लिए सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करना चाहिए।" पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि एक महिला को प्रदर्शन स्थल से हटा दिया गया, क्योंकि वह सेंगर के समर्थन में तख्ती लेकर इलाके में प्रवेश करने की कोशिश कर रही थी। सूत्र ने कहा कि उसे शांतिपूर्वक हटा दिया गया और विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी तरह की झड़प की सूचना नहीं मिली। सूत्र ने बताया, "पीड़िता और उसकी मां प्रदर्शन स्थल पर बैठी थीं। लेकिन उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं थीं। उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की गई।
टीम उनके स्वास्थ्य की स्थिति की जांच कर रही हैं।" सेंगर (59) उन्नाव क्षेत्र से चार बार के विधायक रह चुका है। वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर चुनाव लड़ चुका है। वह 2017 में भाजपा में शामिल हो गया था और पार्टी के टिकट पर बांगरमऊ से चुनाव जीता था। इस बीच, सेंगर की बेटी ने उन्नाव के लोगों से किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन से बचने का आग्रह किया है और कहा है कि उनके परिवार को न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। ऐश्वर्या सेंगर ने शनिवार देर रात 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "मैं उन्नाव के सभी लोगों से विनम्र अनुरोध करती हूं कि कृपया किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन न करें। आप हमारा परिवार हैं और इस कठिन समय में हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए। हमें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। आपका संयम और आशीर्वाद हमें शक्ति देता है।"
