''महाकुंभ का उद्देश्य आस्था और संस्कृति को बढ़ावा देना है, वायरल ट्रेंड्स से भटकना नहीं'', प्रयागराज महाकुंभ पर सामने आया Baba Bageshwar का बयान
punjabkesari.in Monday, Jan 20, 2025 - 03:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रयागराज महाकुंभ इस बार सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया और वायरल वीडियो की वजह से भी चर्चा में है। हाल ही में इस महाकुंभ में कई घटनाओं ने सुर्खियाँ बटोरीं, जिनमें इंदौर की मोनालिसा, मॉडल हर्षा रिछारिया और IIT बाबा अभय सिंह के वायरल वीडियो शामिल हैं। इस पर Bageshwar Dham के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और इन वायरल घटनाओं पर चिंता जताई है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने छतरपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि महाकुंभ को एक धार्मिक आयोजन के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि वायरल और सोशल मीडिया के ट्रेंड्स के रूप में। उन्होंने कहा, “महाकुंभ के आयोजन का उद्देश्य आस्था और संस्कृति का प्रचार-प्रसार है, न कि इसे वायरल विषयों या रील बनाने का प्लेटफॉर्म। हम इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जो महाकुंभ के असली उद्देश्य से भटका रही हैं। शास्त्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक ओर तो इंदौर की मोनालिसा अपनी खूबसूरत आंखों की वजह से चर्चा में हैं, वहीं दूसरी ओर हर्षा रिछारिया जैसे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी साध्वी के भेष में आकर वीडियो बना रहे हैं।
इसी प्रकार आईआईटी बाबा अभय सिंह के भी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। शास्त्री ने कहा, “यह सब हमें महाकुंभ के वास्तविक उद्देश्य से भटका रहा है। महाकुंभ का उद्देश्य आस्था, संस्कृति, और सनातन धर्म की रक्षा करना है।” धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि महाकुंभ में होने वाले विचार-विमर्श का मुख्य मुद्दा यह होना चाहिए कि सनातन धर्म को कैसे बचाया जाए, हिंदुत्व कैसे जागे और हिंदू राष्ट्र के निर्माण की दिशा में क्या कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का विषय केवल आस्था और धर्म होना चाहिए, न कि व्यक्तिगत या वायरल मुद्दे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमे महाकुंभ में रील्स और वायरल ट्रेंड्स की बजाय सनातन धर्म के संरक्षण और हिंदू राष्ट्र के विषय पर अधिक चर्चा करनी चाहिए। शास्त्री ने कहा, “महाकुंभ में आने वाले लोग हमें यह समझने का मौका देते हैं कि हमारी संस्कृति और आस्था कैसे बचेगी, और साथ ही यह भी कि जो लोग हिंदू धर्म से जुड़े नहीं हैं, उनकी घर वापसी कैसे कराई जा सकती है।” कुल मिलाकर, Bageshwar Dham के बाबा ने महाकुंभ के धार्मिक महत्व को बनाए रखने पर जोर दिया और यह कहा कि सोशल मीडिया और वायरल घटनाओं को महाकुंभ के मुख्य उद्देश्य से भटकने नहीं देना चाहिए। उनका मानना था कि यह समय है जब हमें अपने धर्म, संस्कृति और समाज के भविष्य को लेकर गंभीर विचार विमर्श करना चाहिए।