'पाकिस्तान का पानी रोकना सही नहीं...', अब इस नेता का विवादित बयान आया सामने, मचा बवाल
punjabkesari.in Monday, Apr 28, 2025 - 02:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। इन फैसलों में सबसे अहम फैसला है सिंधु जल समझौते को रद्द करना। इसके तहत पाकिस्तान को मिलने वाला सिंधु नदी का पानी अब रोक दिया जाएगा। इस कदम से पाकिस्तान में पानी की भारी किल्लत हो सकती है और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जहां देशभर में इस फैसले का व्यापक समर्थन हो रहा है, वहीं भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने इसे लेकर सरकार की आलोचना की है। टिकैत ने कहा, "पानी जीवन का आधार है और खेती के लिए इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। किसान चाहे भारत के हों या पाकिस्तान के, सभी को पानी चाहिए। ऐसे में सिंधु जल समझौते को तोड़ना सही नहीं है।" अपने बयान में टिकैत ने कहा, "सभी पाकिस्तानी आतंकी नहीं होते। आतंकियों की गलती की सजा आम जनता को देना अन्याय है। पानी रोकने से कोई समस्या हल नहीं होगी। सरकार को आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, न कि पूरे देश को सजा देनी चाहिए।" इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया।
सिंधु जल समझौता क्यों है महत्वपूर्ण?
साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके तहत भारत, सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का बहाव पाकिस्तान की ओर जाने देता रहा है। अब भारत ने इस ऐतिहासिक समझौते को रद्द कर पाकिस्तान पर दबाव बनाने का निर्णय लिया है। सरकार का मानना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता रहेगा, उसे कोई रियायत नहीं दी जानी चाहिए।
सरकार पर भी उठाए सवाल
टिकैत ने इस मुद्दे पर सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "आज सेना में भी कई स्तरों पर कटौती की गई है। आतंकवाद से लड़ने के लिए सबसे जरूरी है सुरक्षा बलों को मजबूत करना। केवल पानी रोककर जवाब देना समाधान नहीं है।"
विपक्ष ने जताया समर्थन, किसान नेता अकेले
इस बीच, देश के तमाम विपक्षी दलों ने सरकार के फैसले का समर्थन किया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। ऐसे माहौल में किसान नेता का यह बयान न केवल चर्चा में आ गया है बल्कि उनकी आलोचना भी हो रही है।