कमर में बेड़ियां, हाथों-पैरों में हथकड़ियां.... देखें मास्टरमाइंड और भारत के दुश्मन Tahawwur Rana की तस्वीर
punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 11:12 AM (IST)

नेशनल डेस्क। मुंबई में 2008 में हुए भीषण आतंकी हमले का साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा अब भारत की गिरफ्त में है। अमेरिकी एजेंसियों के सहयोग से उसे प्रत्यर्पण प्रक्रिया के तहत भारत लाया गया जहां एनआईए कोर्ट ने उसे 18 दिनों की रिमांड पर भेज दिया है।
अमेरिका से विशेष विमान में लाया गया राणा
तहव्वुर राणा को बुधवार रात अमेरिका से दिल्ली लाया गया। अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस द्वारा जारी की गई तस्वीरों में राणा हाथों में हथकड़ियों के साथ नजर आया। उसे लॉस एंजिल्स से दिल्ली तक विशेष विमान में भारतीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की टीम की निगरानी में लाया गया। यात्रा के दौरान विमान ने एक बार ब्रेक भी लिया और आखिरकार गुरुवार शाम करीब 6 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा।
एनआईए ने की गिरफ्तारी, मेडिकल जांच भी कराई
दिल्ली पहुंचने के बाद एनआईए की टीम ने सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद राणा को गिरफ्तार किया। इसके तुरंत बाद उसकी मेडिकल जांच कराई गई। अधिकारियों ने बताया कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और अमेरिका के विभिन्न विभागों का अहम योगदान रहा।
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। उसे अमेरिका में 2009 में गिरफ्तार किया गया था। उस पर मुंबई हमले की साजिश रचने और आतंकवादियों की मदद करने के आरोप हैं। राणा पर भारत में मुकदमा चलाया जाएगा। इससे पहले अजमल कसाब और अबू जुंदाल पर मुंबई हमले के मामलों में ट्रायल हो चुका है और राणा तीसरा व्यक्ति होगा जो इस केस में भारत की अदालत में पेश होगा।
पाकिस्तान ने झाड़ा पल्ला
राणा के भारत प्रत्यर्पण पर पाकिस्तान ने किनारा कर लिया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा कि राणा अब कनाडा का नागरिक है और उसका पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि राणा ने पिछले दो दशकों से पाकिस्तानी नागरिकता के दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है।
कानूनी लड़ाई के बाद हुआ प्रत्यर्पण
भारत ने अमेरिका के साथ प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा के प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया शुरू की थी। राणा ने अमेरिका में कई बार कोर्ट में अपील की और सुप्रीम कोर्ट में आपातकालीन याचिका भी दाखिल की लेकिन सभी खारिज हो गईं। इसके बाद अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस, यूएस मार्शल, एफबीआई और भारत सरकार के समन्वय से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी हुई।
क्यों है यह प्रत्यर्पण अहम?
राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी कूटनीतिक और कानूनी जीत मानी जा रही है। यह संदेश देता है कि आतंकियों को दुनिया के किसी भी कोने में सुरक्षित नहीं रहने दिया जाएगा और उन्हें उनके अपराधों के लिए सजा दिलाने का भारत का प्रयास जारी रहेगा।