Plane Crash: सिर्फ 10 सेकंड और… हवा में बिन जल मछली की तरह फड़फड़ाने लगा विमान, हमेशा के लिए चुप हो गई 53 जिंदगियां

punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 01:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क। 21 नवंबर 2004 की सुबह इनर मंगोलिया के बाओतो एरलीबान एयरपोर्ट पर एक भीषण विमान हादसा हुआ था जिसने चीन समेत पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस की फ्लाइट 5210 टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गई जिसमें विमान में सवार सभी 53 लोग (47 यात्री और 6 क्रू सदस्य) मारे गए थे।

उड़ान के 15 मिनट बाद ही अनहोनी

चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस की फ्लाइट 5210 सुबह करीब 08:21 बजे कप्तान वांग पिन (33) और उनके अनुभवी सहयोगी के साथ रनवे से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के केवल 15 मिनट बाद और ऊंचाई पकड़ने की प्रक्रिया के दौरान विमान को एक तेज झटका लगा। दस सेकंड के अंतराल में दूसरा झटका लगा और विमान हवा में बिन जल मछली की तरह फड़फड़ाने लगा। ग्राउंड स्टाफ और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी यह मंजर देखकर स्तब्ध रह गए।

 

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कुछ ही सेकंड बाद आसमान में एक तेज धमाका सुनाई दिया। आग की लपटों से घिरा यह विमान दो टुकड़ों में बंट गया और नानहाई पार्क की बर्फीली झील में जा गिरा। क्रैश इतना भयानक था कि विमान पहले एक घर से टकराया, फिर एक टिकटिंग बूथ को चीरता हुआ झील तक पहुंचा। जलते हुए मलबे ने आसपास खड़ी यॉट्स (Yachts) को भी अपनी चपेट में ले लिया था।

बर्फ तोड़कर चला बचाव अभियान

हादसे के तुरंत बाद बचाव अभियान शुरू किया गया। बर्फीली झील होने के कारण यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। रेस्क्यू टीम में 100 से ज़्यादा दमकल की गाड़ियां, 250 पुलिसकर्मी, 50 पार्क स्टाफ और 20 गोताखोर शामिल थे। रेस्क्यू टीम ने बर्फ तोड़कर मलबा और शव निकालने शुरू किए। रात होते-होते 36 शव बरामद कर लिए गए। रिपोर्ट्स के अनुसार हादसा इतना भीषण था कि पूरा विमान टुकड़ों में बिखर गया था। विमान में मौजूद कई यात्रियों के केवल अवशेष या अंग ही मिले पाए थे।

जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

शुरुआती अफवाहों (विस्फोट, आतंकी हमला या तकनीकी खराबी) पर विराम लगाते हुए चाइना सिविल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (CAAC) की जांच में दुर्घटना का असली और चौंकाने वाला कारण सामने आया। 24 नवंबर को, बर्फ से ढके मलबे के बीच से ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) को खोज निकाला गया। 

 

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जांच में पाया गया कि हादसे के समय तापमान शून्य से नीचे था जिसकी वजह से विमान के विंग्स पर भारी बर्फ जमा हो गई थी टेकऑफ से पहले विमान के विंग्स पर जमी बर्फ को न तो हटाया गया और न ही डी-आइसिंग (De-icing) की प्रक्रिया पूरी की गई। टेकऑफ के बाद बर्फ के कारण विमान की लिफ्ट (Lift) (हवा में ऊपर उठने की शक्ति) खत्म हो गई और वह हवाई में खुद को संभाल नहीं पाया। नतीजतन वह कुछ ही सेकंड में क्रैश होकर जमीन पर गिर गया।

क्रैश में गई 53 लोगों की जान, 12 कर्मचारी दोषी

इस दुर्घटना में फ्लाइट में मौजूद सभी 53 लोग मारे गए। मरने वालों में 46 चीनी नागरिक और इंडोनेशिया मूल का एक यात्री शामिल था। कप्तान वांग पिन (33), सह-कप्तान यांग गुआंग (37), फर्स्ट ऑफिसर यी चिनवेई (27), दो फ्लाइट अटेंडेंट्स और एक सिक्योरिटी ऑफिसर की भी जान चली गई। 2006 में जांच पूरी होने के बाद चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस के 12 कर्मचारियों को उनकी लापरवाही के लिए दोषी पाया गया और उन्हें प्रशासनिक दंड (Administrative Punishment) दिया गया।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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