ब्रेनवॉश कर हिंदू लड़कियों को बनाता था मुस्लिम, यूपी ATS ने जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को किया गिरफ्तार
punjabkesari.in Saturday, Jul 05, 2025 - 10:49 PM (IST)

नेशनल डेस्कः यूपी ATS ने जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को बलरामपुर के मधपुर (उतरौला) से गिरफ्तार किया। उस पर प्यार, धमकी और आर्थिक लालच देकर हिन्दू महिलाओं का जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप है।
विदेशी फंडिंग व आर्थिक मामला
-
इस गिरोह ने एक साल में बंगले, शोरूम और लग्जरी गाड़ियां खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक विदेशी फंड उपयोग किया।
-
इनके पास 40+ बैंक खाते और 40–50 विदेशी यात्राओं के रिकॉर्ड भी मिले हैं।
ब्रेनवॉश, नाम बदलना और प्रचार सामग्री
-
मुंबई निवासी नवीन रोहरा, उनकी पत्नी नीतू और बेटी समाले को छांगुर बाबा ने ब्रेनवॉश कर के इस्लाम धर्म अपनाना सिखाया।
-
उनके नाम बदलकर क्रमशः जमालुद्दीन, नसरीन और सबीहा रखे गए।
-
छांगुर बाबा ने “शिजर-ए-तैय्यबा” नामक पुस्तक छपवाई और धर्म परिवर्तन के लिए “नग अंगूठियाँ” भी बाँटीं, जिनके माध्यम से लोग प्रभावित होते थे ([turn0search0], [turn0search7]).
धर्मांतरण की रणनीति और तय रेट
-
उन्होंने धर्मांतरण की फीस स्पष्ट रूप से संरचित की हुई थी:
-
ब्राह्मण/क्षत्रिय लड़कियों के लिए ₹15–16 लाख
-
पिछड़ी जातियों के लिए ₹10–12 लाख
-
अन्य जातियों के लिए ₹8–10 लाख
-
प्रेम जाल और धोखे की कहानियां
-
लखनऊ की गुंजा गुप्ता नामक लड़की को “अमित” नाम से प्रेम जाल में फँसाकर धर्म परिवर्तन कराया गया और उसका नाम बदलकर अलीना अंसारी रख दिया गया।
राष्ट्रीय और अंतरराज्यीय नेटवर्क
-
ATS ने बताया कि गिरोह हरियाणा, महाराष्ट्र (नागपुर), नोएडा, मुरादाबाद और नेपाल में भी सक्रिय था।
-
कुछ सरकारी कर्मचारियों और राजस्व अधिकारियों पर भी संरक्षण देने के आरोप उठ रहे हैं।
-
गिरोह की संपत्ति और विदेशी धन में सीबीआई की जांच भी अब शामिल हुई है।
कानूनी स्थिति और एफआईआर
-
अभियोग धाराएं: IPC की धारा 121A, 153A, 417, 420, और UP विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिबंध अधिनियम 2021 के अंतर्गत आरोप लगाए गए हैं।
-
ATS ने अगस्त 2024 में गिरोह के 10 सदस्यों को नामज़द किया, जिनमें बेटा महबूब, पत्नी नीतू (नसरीन) और अन्य सहयोगी शामिल हैं।
-
हाई कोर्ट ने नीतू की याचिका खारिज की, जिसमें उन्होंने धर्म परिवर्तन को स्वैच्छिक बताया था।
जांच और आगे की कार्रवाई
-
ATS अब ED, IB और NIA के सहयोग से फंडिंग और नेटवर्क की तहकीकात कर रही है।
-
बचने वाले कई गिरोह सदस्य भूमिगत हैं, और ATS उनकी तलाश में सक्रिय है।