गैंग''रेप की कथित पीड़िता से मुआवजे की रकम वसूली का आदेश, कोर्ट ने नौ आरोपियों को भी किया बरी
punjabkesari.in Friday, Nov 07, 2025 - 12:12 AM (IST)
नेशनल डेस्कः दिल्ली की एक अदालत ने नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न और सामूहिक दुष्कर्म सहित विभिन्न अपराधों के नौ आरोपियों को आरोप-मुक्त कर दिया तथा कहा कि उनपर सिर्फ संदेह के आधार पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत ने लड़की को अंतरिम मुआवजे के रूप में दी गई 3.75 लाख रुपये की राशि भी उससे वसूलने का निर्देश दिया।
दिल्ली पुलिस ने एक महिला सहित नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि इन आरोपियों ने लड़की का अपहरण किया और उसे 25 सितंबर 2023 को गाजियाबाद ले गए, जहां उससे दुष्कर्म किया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़िता एक मंदिर परिसर में रह रही थी और आरोपी मंदिर प्रबंधन के सदस्य थे। यह आदेश 27 सितंबर को दिया गया था जो हाल ही में उपलब्ध हो सका है।
आदेश में अदालत ने कहा, ‘‘हर बार पीड़िता और उसकी मां ने लगातार अपने बयान बदले हैं और यह विरोधाभास इतना व्यापक है कि एक बयान दूसरे बयान के खुद ही उलट है।'' अभियोजन पक्ष के इस आरोप पर गौर करते हुए कि सामूहिक दुष्कर्म और अन्य अपराधों की घटना पीड़िता की मां के मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड की गई थी, अदालत ने कहा कि जब डिवाइस को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया तो ऐसा कोई वीडियो नहीं मिला। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से पेश तथ्यों को लेकर ‘गंभीर संदेह' हैं।
अदालत ने आरोपियों को आरोप-मुक्त करते हुए कहा, ‘‘परिस्थितियां आरोपियों पर गंभीर संदेह पैदा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और यह महज संदेह का मामला है। कानून का यह स्थापित सिद्धांत है कि महज संदेह की स्थिति में आरोपियों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।''
यह देखते हुए कि कोई अपराध नहीं हुआ है, अदालत ने दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव को पीड़िता से अंतरिम मुआवजे (3.75 लाख रुपये की राशि) की वसूली की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया। यह राशि अदालत द्वारा पीड़िता को अगस्त 2024 में प्रदान करवाई गई थी।
