Stamp Paper Scam: 18 राज्य, 72 शहर और ₹30,000 करोड़- ट्रेन में मूंगफली बेचने वाला बन गया देश का सबसे बड़ा स्टांप पेपर स्कैम का मास्टरमाइंड!
punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 08:52 AM (IST)
Telgi Scam 2003: छोटे से खानापुर के रेलवे प्लेटफॉर्म पर मूंगफली पैकेट-बेचने वाला अब्दुल करीम तेलगी कभी सोच भी नहीं सकता था कि उसकी जिंदगी 30 साल बाद करोड़ों रुपये के नकली स्टांप पेपर घोटाले की कहानी बन जाएगी। यह कहानी है उस आदमी की, जिसने जेल में मिली दोस्ती और अपने शातिर दिमाग के दम पर 72 शहरों में फर्जी स्टांप पेपर बेचकर ₹30,000 करोड़ का स्कैम अंजाम दिया।
अब्दुल करीम तेलगी—एक साधारण परिवार से स्कैम के किंग तक
तेलगी का जन्म 1961 में कर्नाटक के छोटे से शहर खानापुर में हुआ। पिता की मृत्यु के बाद बचपन में ही तेलगी को परिवार का सहारा बनना पड़ा और छोटे-मोटे काम करने पड़े। पैसे की चाह ने उसे सऊदी अरब तक पहुंचा दिया, जहां उसने नकली दस्तावेज और स्टांप पेपर बनाने की आदत विकसित की। 1993 में जालसाजी के कारण उसे जेल जाना पड़ा। जेल ही उसके लिए नई दुनिया बन गई, जहां उसकी मुलाकात कोलकाता के राम रतन सोनी से हुई। जेल में दोनों ने मिलकर बड़े घोटाले की योजना बनाई।
फर्जी स्टांप पेपर का कारोबार
जेल से रिहा होने के बाद तेलगी ने नकली पासपोर्ट और फिर नकली स्टांप पेपर बनाने का काम शुरू किया। 1994 में सोनी के साथ मिलकर उसने स्टांप वेंडर का लाइसेंस हासिल किया और भारत में कई दस्तावेजों में उपयोग होने वाले स्टांप पेपर का फर्जी निर्माण शुरू कर दिया। 1992 के हर्षद मेहता स्कैम के बाद स्टांप पेपर की कमी ने तेलगी के लिए अवसर प्रदान किया।
1996 में उसने देश के 70 शहरों में अपने नकली स्टांप पेपर का जाल फैलाया। मुंबई, नासिक, महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान सहित कई राज्यों में पुराने और खारिज मशीनों की मदद से भारी पैमाने पर धोखाधड़ी की गई।
कैसे पकड़ा गया तेलगी?
साल 2000 में बेंगलुरु से दो लोगों को फर्जी स्टांप पेपर के साथ गिरफ्तार किया गया, जिनका लिंक सीधे तेलगी से जुड़ा हुआ था। 2001 में अजमेर से तेलगी को गिरफ्तार किया गया। बढ़ते दबाव के कारण महाराष्ट्र सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। जांच में यह सामने आया कि तेलगी ने कई सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं के साथ मिलकर स्कैम को अंजाम दिया।
गिरफ्तारी और सजा
2003 में SIT ने पहली बड़ी गिरफ्तारी की, जिसमें महाराष्ट्र के विधायक अनिल गोटे शामिल थे। कुल मिलाकर 54 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 2004 में CBI ने तेलगी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
2007 में कोर्ट ने तेलगी को दोषी ठहराते हुए 30 साल की सजा और 202 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। 43 अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई गई। सजा से पहले तेलगी ने कथित तौर पर अपनी पत्नी शाहिदा की सलाह पर अपराध स्वीकार किया।
तेलगी की मौत
तेलगी के स्वास्थ्य में मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और एड्स जैसी गंभीर बीमारियां थीं। 2017 में मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
